19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मुस्लिम समाज समाज का निकाह-जलसा में डीजे एवं बैंड-बाजों पर रोक

शादी, जलसा, जुलूस आदि में डीजे, बैंड-बाजे आदि बजाने पर आम जमात की सहमति से प्रतिबंध

2 min read
Google source verification
मुस्लिम समाज समाज का निकाह-जलसा में डीजे एवं बैंड-बाजों पर रोक

मुस्लिम समाज समाज का निकाह-जलसा में डीजे एवं बैंड-बाजों पर रोक

बनखेड़ी। मुस्लिम समाज में निकाह और जलसा में अब बैंड-बाजों पर रोक लगाने का बड़ा निर्णय लिया है। क्षेत्र में होने वाले निकाह , जलसा , जुलूस में बैंड-बाजा इस फरमान के बाद बजाता है तो अगर कोई बैंड-बाजा और डीजे बजाता है तो पेश इमाम एवं कमेटी मेंबर उस कार्यक्रम में शिरकत नही करेंगे। रविवार को मुस्लिम आम जमात की विभिन्न विषय को लेकर सलामिया चिश्तिया मदरसा में बैठक में यह बड़ा निर्णय लिया गया है। इस दौरान मुस्लिम समाज मे फैली कुरीति और फिजूलखर्ची को रोकने पर लेकर विचार विमर्श करते हुए सर्वसम्मति से इस निर्णय को लिया गया है। अंजुमन कमेटी सदर नदीम बेग मिर्जा ने बताया कि बैठक में विभिन्न बिंदु पर चर्चा की गई। फुजूलखर्ची एवं कुरीतियों पर पाबंदी लगाते हुए शादी, जलसा, जुलूस आदि में डीजे, बैंड-बाजे आदि बजाने पर आम जमात की सहमति से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। मतलब आने वाले दिनों में शादी, विवाह सहित आदि कार्यक्रमों के दौरान डीजे एवं बैंड-बाजों पर पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।
बैठक में हाजी मकबूल अहमद, सचिव रहीम खान, हमीदबेग मिर्जा, अबरार अहमद, अमीन बेग मिर्जा, कदीर शाह, शेख अनवर, करीम बेग, शेर खान, शेख तारिक़, अजीत खान, सहित कमेटी एवं जमात के अनेक लोग उपस्थित रहे।

छिंदवाड़ा जिला सहित कुछ क्षेत्र में शादी-विवाह के मौके पर बैंड बाजे बजाना पर प्रतिबंध है। वहां पर शरीयत के हिसाब से ही बारात लगती और निकाह होते आ रहे है। बनखेड़ी में कई बार इस विषय पर बात उठ चुकी है।
छिंदवाड़ा जिला में निश्चित समय पर बारात नही लगाने पर जुर्माना देना होता है।

इनका कहना है
शरीयत के अनुसार बैंडबाजे, डोल, डीजे आदि बजाना गलत है। जमात द्वारा लिया गया फैसला काबिले तारीफ है। ऐसे फैसलों से समाज में फैली कुरीतियां दूर होगी और अनुयायी धर्म में बताएं गए सही रास्तों पर चल सकेंगे।- सद्दाम हुसैन पेश इमाम बनखेड़ी