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नए बस स्टेंड पर बना ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर कर रहा शर्मसार, यह है कारण

नगर में अन्य सार्वजनिक स्थानों पर उक्त केंद्र खोले जाने की दरकार, विभिन्न स्थानों पर है दरकार

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नए बस स्टेंड पर बना ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर कर रहा शर्मसार, यह है कारण

अमित बिल्लौरे सोहागपुर। इन दिनों विश्व स्तनपान सप्ताह चल रहा है, तथा तीन वर्ष पूर्व शासन के आदेशों के चलते नगरीय निकाय द्वारा नए बस स्टेंड के प्रतीक्षालय में महिला यात्रियों के लिए ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर की सुविधा दी गई थी। ताकि यहां महिलाएं सुरक्षित रूप से बच्चों को स्तनपान करा सकेंं। लेकिन अब कार्नर की स्थिति इतनी खराब है कि यहां बैठना तो दूर खड़े होना मुश्किल है।
यात्रियों व बस स्टेेंड क्षेत्र के दुकानदारों ने बताया कि सुलभ शौचालय होने के बाद भी लोग, यात्री, ग्राहक व कई दुकानदार कार्नर के निर्धारित स्थल के समीप की गली में ही निस्तार के लिए जाते हैं। जिसके कारण बहुत अधिक बदबू फैली हुई है। वहीं प्रतीक्षालय खुला रहता है तो मवेशी प्रतीक्षालय में प्रवेश कर जाते हैं। जिनकी गंदगी के कारण भी कार्नर तक महिलाएं नहीं जाती हैं। फिलहाल तो प्रतीक्षालय के मुख्य द्वार पर कभी तो ताला पड़ा रहता है तो कभी ताला खुला रहता है, लेकिन परिस्थितियां अनुकूल नहीं होतीं कि महिलाएं अपने शिशुओं के साथ अंदर बैठें तथा शिशुओं को स्तनपान करा सकें। स्थिति चिंताजनक है तथा स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे पा रहा है। जबकि पत्रिका ने लगातार तीन सालों में बार-बार उक्त स्थिति को प्रशासन के सामने लाने का कार्य किया है, लेकिन फिर भी प्रशासन का ध्यान इस ओर है ही नहीं। तथा अभी भी कई बार मजबूरी में आकस्मिक स्थिति में बस स्टेंड के खुले परिसर में ही माताओं-बहनों को अपने शिशुओं को स्तनपान कराना पड़ता है। निकाय द्वारा इस कार्नर की शुरुवात कराए जाने के बाद से ही यहां कोई भी कर्मचारी सफाई के लिए आज तक नहीं आया है।

रेलवे स्टेशन व अस्पताल भी सूने
सोहागपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर भी इस प्रकार की कोई सुविधा महिलाओं के लिए नहीं है। जबकि रेलवे स्टेशन सार्वजनिक स्थान होने के साथ-साथ यात्री स्थल भी है, जहां महिला यात्रियों के लिए यह सुविधा शासन स्तर पर ही शुरु की जानी चाहिए। देश की आधी आबादी के लिए यह जरूरी कदम हो सकता है। इसके अलावा स्थानीय अस्पताल में भी इस प्रकार की कोई सुविधा नहीं है, जहां किसी कोने में या विशेष स्थान पर ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर महिलाओं के लिए बनाया जाता। जबकि स्तनपान के लिए जागरुकता का सबसे बड़ा केंद्र ही अस्पताल होता है।

ये स्थान भी कार्नर से वंचित
नगर के अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भी इस प्रकार की कोई सुविधा निकाय अथवा स्थानीय प्रशासन द्वारा महिलाओं के लिए नहीं दी गई है। जबकि इस योजना पर सरकार के बड़े-बड़े वादे दो से तीन वर्ष पूर्व सुनाई दिए थे। महिला एवं बाल विकास विभाग ने कार्य भी किया, लेकिन परिणाम प्राप्त नहीं हुए हैं। देखा जाए तो पुराना बस स्टेंड, मुख्य बाजार, नगर परिषद कार्यालय, महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय, जपं कार्यालय, स्कूल परिसर वे स्थान हैं, जहां महिलाओं का दैनिक रूप से आना-जाना होता है तथा शिशु वाली माताओं के लिए इन उल्लेखित स्थानों पर ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर्स की सुविधा दी जानी चाहिए।

विभाग कराए कार्य
उक्त सेंटर महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रारंभ किया था। और पूर्ण व्यवस्था देना उनका ही कार्य है। वे व्यवस्थाएं तो बनाएं, हमारा कार्य साफ-सफाई का है तो हम करा देंगे।
जीएस राजपूत, सीएमओ, नगर परिषद