
सजदे में झुके सिर, इदगाह पर पढ़ी गई नमाज, देखें तस्वीरें
होशंगाबाद। रमजान माह के 70 दिनों बाद बुधवार को बकरीद मनाई गई। सुबह से शहरी की मस्जिदों में इद की विशेष नमाज पढ़ी गई। ये इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक 12 वे महीने जिल-हिज्जा की १० तारीख को मनाई जाती है। इस दिन के लिए मस्जिदों में तैयारियां की गई थीं। नमाज के बाद सभी ने एक दूसरे के गले मिले। इस दौरान कलेक्टर प्रियंका दास, एसपी अरविंद सक्सेना सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे थे। इसके पहले बड़ी संख्या में समाजज सुबह से शहर की विभिन्न मस्जिदों में पहुंचे और इद की नमाज अता की।
यहां हुई नमाज
नमाज का समय
मस्जिद वक्त
इदगाह 8 बजेे
मोमिनपुरा 8.15 बजे आयशा मस्जिद
बालागंज 8.30 बजे सानीजामा मस्जिद
बालागंज अकबरी 8.१५ बजे
बड़ी बजरिया सेठ 9 बजे साहब मस्जिद
सब्जी मंडी 9 बजे हमीदिया मस्जिद
जुमेराती 8 बजे जामा मस्जिद
टेलीफोन एक्सचेंज 8.45 बजे कासमी मस्जिद
छोटी बजरिया 9.15 बजे मस्जिद
अफगानी बकरों की रही मांग
इसके पहले मंगलवार को बाजार में खूब रौनक रही। कुर्बानी के लिए बकरा मंडी में मजमा लगा रहा। यहां आठ हजार से लेकर 40 हजार तक के बकरे मौजूद थे। इनमें अफगानी बकरों की मांग अधिक रही। काजी अशफाक अली ने इद का एलान करते हुए बताया कि इदगाह सहित चार मस्जिदों में ईद की नमाज अता की गई।
गरीबों का रखा जाता है खास ख्याल
काजी अशफाक अली ने बताया कि बकरीद का दिन फर्ज-ए-कुर्बान का दिन होता है। इस्लाम में गरीबों और मजलूमों का खास ध्यान रखने की परंपरा है। इसलिए बकरीद पर गरीबों का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस दिन कुर्बानी के बाद प्रसाद के तीन हिस्से किए जाते हैं। जिसमें से एक हिस्सा खुद के लिए और शेष दो समाज के गरीब और जरूरतमंदों में बांटे जाते हैं। इसका संदेश होता है कि अपने दिल की करीबी चीज़ भी हम दूसरों की बेहतरी के लिए अल्लाह की राह में कुर्बान कर देते हैं।
Published on:
22 Aug 2018 11:32 am
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