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कमजोर हुआ हाइवे का ब्रिज, ज्वाइंट दरके, रैलिंग हो रही क्षतिग्रस्त

करोड़ों का मरम्मत प्रस्ताव अधर में - पिपरिया बरेली हाइवे पर सिवनी सांडिया नर्मदा पर स्थित है पुल

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कमजोर हुआ हाइवे का ब्रिज, ज्वाइंट दरके, रैलिंग हो रही क्षतिग्रस्त

कमजोर हुआ हाइवे का ब्रिज, ज्वाइंट दरके, रैलिंग हो रही क्षतिग्रस्त

पिपरिया. पिपरिया बरेली हाइवे का दशकों पुराना सिवनी सांडिया पुल जगह-जगह से कमजोर हो गया है। पुल की सुरक्षा रैलिंग क्षतिग्रस्त है। कभी भी बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकती है। २४ घंटे पुल से हजारों की संख्या में वाहनों का आवागमन रहता है। पुल की मरम्मत का करोड़ों का बजट शासन की मंजूरी की राह देख रहा है।
नर्मदा नदी सिवनी घाट पर यातायात के लिए बनाया दो दशक पुराना सांडिया सिवनी पुल जर्जर हो गया है। बरेली छोर मांगरौल घाट के पास पुल के ज्वाइंट कमजोर हो गए हैं जो कभी भी बड़ी दुर्घटना का सबब बन सकते है। पुल के दोनों ओर लगी लोहे की सुरक्षा रैलिंग भी क्षतिग्रस्त है। कहीं-कहीं रैलिंग के पाइप ही नदारत है। असामाजिक तत्व लोहे के पाइप ही चोरी करके ले गए या फिर नदी में गिर गए। पुल पर लगातार वाहनों का आवागमन होता है संयोग से कोई वाहन अनियंत्रित हुआ तो रैलिंग के अभाव में सीधे नदी में गिर सकता है। पिछले माह ट्रक दुर्घटनाग्रस्त होकर नदी में गिर चुका है, लेकिन इस ओर जवाबदेह गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहे हैं। सांडिया निवासी राजेश मिश्रा, जयमातादी समिति के संदीप शर्मा ने बताया कि पुल के ज्वाइंट कई जगह से कमजोर हैं रैलिंग क्षतिग्रस्त है संभावित दुर्घटना की आशंका को देखते हुए शासन-प्रशासन को तत्काल पुल की मरम्मत करना चाहिए।
6 सौ मीटर लंबे, 16 मीटर ऊंचे पुल पर नहीं बिजली पोल- पुल की लंबाई करीब ६ सौ मीटर लंबी है इसकी ऊंचाई १६ मीटर है। पुल पर लाइट की कोई व्यवस्था नहीं हैं अंधेरे में अंदाज से खतरों के बीच हजारों वाहन रात में आवागमन करते हैं। बिना रैलिंग का यह पुल किसी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकता है। बारिश में पुल पर सैकड़ों मवेशियों का जमघट लगा रहता है जो अंधेरे में नजर नहीं आते वाहनों की लाइट और नदी के पानी के अंदाज से वाहन चालक वाहन निकालते हैं।
दो दशक पुराने पुल के ज्वांइट हुए कमजोर- पुल का निर्माण 1999 के दशक में होना बताया जाता है पुल को मजबूत ज्वाइंटों से जोड़ा गया था जो दो दशक बाद कमजोर पड़ गए हंै। मांगरौल दिशा में पुल के ज्वाइंट दरक रहे हंै जिससे सड़क में बड़ा गैप बन सकता है। हर तीन साल में होने वाली अति बारिश में पुल से पानी पार कर जाता है। काफी वेग से पानी पुल के पिलर से टकराता है इससे भी पुल कमजोर हुआ है।
दो बार हो चुका है मरम्मत का प्रस्ताव, नहीं मिली मंजूरी- विभाग कई बार पुल का निरीक्षण कर पुल कमजोर होने का आंकलन कर चुका है। ब्रिज कार्पोरेशन मरम्मत प्रस्ताव तैयार कर वरिष्ठ कार्यालय में दे चुका है। करीब सात करोड़ मरम्मत प्रस्ताव बना है, लेकिन इसे मंजूरी आज तक नहीं मिली।
इनका कहना है...
पुल का सर्वे करने के बाद करीब ७ करोड़ का मरम्मत का प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को भेजा गया है। प्रस्ताव दो बार भेजा है इस साल भी दोबारा से प्रस्ताव दिया है। बजट स्वीकृति होते ही पुल की पुख्ता मरम्मत की जाएगी। रैलिंग संबंधी कार्य पहले कराया जाएगा।
एआर मोरे, एसडीओ ब्रिज कार्पोरेशन होशंगाबाद