
देह और नेत्रदान से एक जरुरतमंद को मिलता है जीवन
पिपरिया. सरकारी अस्पताल में गुरुवार को देहदान और नेत्रदान करने वाले नगर के सेवाभावी युवाओं और महिलाओं का सम्मान किया गया। बीएमओ डॉ. एके अग्रवाल ने कहा कि निधन से पूर्व देहदान और नेत्रदान का संकल्प पत्र भरने से एक जरुरतमंद को जीवन मिलता है। नेत्रदान में बड़ा आसान है कि निधन के तीन घंटे बाद विशेषज्ञ सिर्फ आंख का कॉर्नियां संरक्षित कर उसे माइनस तापमान में सुरक्षित करते हैं। कार्निया किसी अंधे व्यक्ति की आंख में लगाकर उसे नेत्र ज्योति दी जा सकती है। बीएमओ ने कहा कि उन्होंने हाल ही में अपनी माता जी का नेत्रदान सफलता पूर्वक किया है। नेत्र सहायक श्याम सोडानी ने कहा कि प्रेरणा से काफी लोग नेत्र और देहदान के लिए आगे आ रहे हैं। देश में काफी संख्या में लोग अंधत्व, लीवर, हृदय से पीडि़त हैं निधन के बाद अंग किसी के काम आना बड़ा पुण्य का काम है एक जिंदगी भी सफल हो जाती है। हर्षित शर्मा ने कहा कि सवा करोड़ के देश में अंगदान करने वालों का प्रतिशत महज ०.८ फीसदी है जागरुकता से ही लोग आगे आएंगे। भाजपा नेत्री अरुणा जोशी, महिला कांग्रेस की नीलम पचौरी ने देहदान करने वालों के संकल्प की सराहना करते हुए उनका सम्मान किया। युवा बेरोजगार संघ के अखिलेश गढ़वाल, अर्जुन शर्मा ने बताया कि देहदान की आवश्यकता को लेकर वे लगातार फील्ड में लोगों को प्रेरित करने का प्रयास कर रहे हैं।
इन्होंने भरे देहदान के फॉर्म- असरफ खान सब्बा चाचा, लक्ष्मी सुखद, सुमन राजपूत आशा कार्यकर्ता सहलवाड़ा, चंदनसिंह सिसोदिया ने देहदान के फॉर्म भरे। गुरुवार को हेमलता पवार, नारायण साहू, सूरज महार ने देहदान का संकल्प लेकर फॉर्म भरा। इन सभी को स्मृति चिह्न और प्रमाण पत्र भेंट कर स्वागत किया। बीएमओ एके अग्रवाल, राजन गोदानी को भी परिजनों के निधन पर नेत्रदान कराने पर सम्मानित किया गया।
Published on:
13 Mar 2020 01:01 am
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