19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बाघों की तादाद बढऩे का असर: बाघों का इलाका घटा, रिजर्व में टेरिटोरियल फाइट में दो दिन में 2 माह की मादा और दूसरे दिन बाघ की मौत

टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में अभी 526 बाघ हैं, लेकिन बाघों की संख्या बढऩे के साथ अब बाघों में जगह जगह टेरिटोरियल फाइट की बाते सामने आने लगी है। एसटीआर की पूर्व पचमढ़ी परिक्षेत्र के मोगरा बीट कक्ष क्रमांक 226 में एक बाघ गंभीर रूप से घायल मिला था। जिसकों दवाएं भी असर नहीं कर रही थी। नतीजा यह हुआ की बाघ को वन बिहार शिफ्ट करने के पहले पिंजरे में ही बाघ ने दम तोड़ दिया।

2 min read
Google source verification
बाघों की तादाद बढऩे का असर: बाघों का इलाका घटा, रिजर्व में टेरिटोरियल फाइट में दो दिन में 2 माह की मादा और दूसरे दिन बाघ की मौत

बाघों की तादाद बढऩे का असर: बाघों का इलाका घटा, रिजर्व में टेरिटोरियल फाइट में दो दिन में 2 माह की मादा और दूसरे दिन बाघ की मौत

नर्मदापुरम। टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में अभी 526 बाघ हैं, लेकिन बाघों की संख्या बढऩे के साथ अब बाघों में जगह जगह टेरिटोरियल फाइट की बाते सामने आने लगी है। एसटीआर की पूर्व पचमढ़ी परिक्षेत्र के मोगरा बीट कक्ष क्रमांक 226 में एक बाघ गंभीर रूप से घायल मिला था। जिसकों दवाएं भी असर नहीं कर रही थी। नतीजा यह हुआ की बाघ को वन बिहार शिफ्ट करने के पहले पिंजरे में ही बाघ ने दम तोड़ दिया। एसटीआर से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को एक मादा बाघ शावक के शव मिलने के बाद रविवार को एसटीआर के अंतर्गत पूर्व पचमढ़ी परिक्षेत्र के मोगरा बीट कक्ष क्रमांक 226 में गश्ती की जा रही थी। इस दौरान टीम को एक नर बाघ बेहद गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिला। एसटीआर के अधिकारियों के मुताबिक बाघ लगभग मरणासन्न अवस्था में पाया गया था।

रातों रात सर्च के लिए बुलाए थे हाथी


कल मादा बाघ शावक की मौत के बाद पार्क के सारे हाथी मोगरा बुलाए गए थे। जिसके बाद सुबह हाथियों के दलों के साथ कर्मचारियों को अलग अलग स्थानों पर सरचिंग के लिए रवाना किया था। खोज करने के बाद बाघ शावक की मृत्यु वाले स्थान से लगभग 7 सौ मीटर की दूरी पर एक नर बाघ घायल अवस्था में लेटा हुआ दिखाई दिया। गंभीर चोटों के कारण बाघ को तत्काल बेहोश कर वन विहार भेजने का निर्णय लिया गया। बाघ के पास जाने पर तथा डार्ट मारने पर उसके द्वारा किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं की गई। बाघ इतना अधिक घायल था कि उसे किसी भी तरह की दवा का कोई असर नहीं हुआ तथा उसने पिंजरे में ही दम तोड़ दिया। सूत्रों की मानें तो बाघों की यह संदिग्ध मौते हैं,टेरिटोरियल फाइट इसलिए संभावना कम है, क्योंकि एसटीआर के पास भरपूर स्थान है।

पोस्टमार्टम के बाद शव जलाया


क्षेत्र संचालक एवं उप संचालक की उपस्थिति में वन्यप्राणी चिकित्सकों के दल द्वारा बाघ का पोस्टमार्टम प्रोटोकोल अनुसार कराया गया। पोस्ट मोर्टेम में बाघ के गले पर, आगे के दोनों पैरों पर तथा सारे शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान पाए गए। साथ ही बाघ का एक केनाईन दांत भी टूटा पाया गया। पोस्टमार्टम के बाद बाघ के शव को सभी वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में जला दिया गया। पूरी प्रक्रिया के दौरान एनटीसीए तथा डब्लूसीटी के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

बॉक्स
शिकारियों को बचा रहा एसटीआर

एसटीआर जंगल में डाइनामाइट के साथ पकड़े गए आरोपियों को बचाने वाले एसटीआर के अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रहा है। जिसके कारण ही जांच के बाद भी दोषी कर्मचारियों पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई है। इस पूरे मामले में 21 नवंबर 2021 को आरोपियों को डाइनामाइट के साथ पकड़ा गया था। जबकि इन शिकारियों पर एसटीआर ने 12 मार्च को मछली मारने का केस बनाया था। शिकारियों को छोडऩे वालों की जांच कर कार्रवाई को लटकाया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि इसमें भी अधिकारियों के बीच सौदे-बाजी का खेल चल रहा है। यह वो सूत्र है जिन्होंने पत्रिका को 21 नवंबर 2021 के शिकारियों को डाइनामाइट के साथ पकडऩे जाने के बाद छोडऩे के बीडियो उपलब्ध कराए थे।

इनका कहना है

चोटों के निशान देखकर प्रतीत होता है कि टेरीटरी फाईट में बाघों की लड़ाई के दौरान इस बाघ की मृत्यु हुई है। बाघ को अपना इलाक़ा बचाने के लिये कई बार दूसरे बाघों से लडऩा पड़ता हैं। वहीं रही बात पुराने मामले में कार्रवाई की जांच में जो भी लोग दोषी पाए गए हैं। सभी पर कार्रवाई की जाएगी। - एल कृष्णमूर्ति, संचालक एसटीआर