
करवाचौथ 2018 : ऐसे करें इस दिन पूजा
होशंगाबाद। करवा चौथ का व्रत कार्तिक हिन्दू माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर किया जाता है। इस बार यह व्रत २८ अक्टूवर को है। विवाहित महिलाएँ पति की दीर्घ आयु के लिए करवाचौथ का व्रत करती हैं। महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय के साथ-साथ भगवान गणेश की पूजा करती हैं और अपने व्रत को चन्द्रमा के दर्शन और उनको अर्घ अर्पण करने के बाद ही तोड़ती हैं। करवा चौथ का व्रत कठोर होता है और इसे अन्न और जल ग्रहण किये बिना ही सूर्योदय से रात में चन्द्रमा के दर्शन तक किया जाता है।
करवा चौथ के दिन को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। करवा या करक मिट्टी के पात्र को कहते हैं जिससे चन्द्रमा को जल अर्पण, जो कि अर्घ कहलाता है, किया जाता है। पूजा के दौरान करवा बहुत महत्वपूर्ण होता है और इसे ब्राह्मण या किसी योग्य महिला को दान में भी दिया जाता है।
करवाचौथ के व्रत और पूजन की उत्तम विधि, इस प्रकार व्रत करने से आपको व्रत का 100 गुना फल मिलेगा।
- सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत रखने का संकल्प लें।
- फिर मिठाई, फल, सेंवई और पूड़ी की सरगी ग्रहण कर व्रत शुरू करें।
- संपूर्ण शिव परिवार और श्रीकृष्ण की स्थापना करें।
- गणेश जी को पीले फूलों की माला, लड्डू और केले चढ़ाएं।
- भगवान शिव और पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें।
- श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री और पेड़े का भोग लगाएं।
- उनके सामने मोगरा या चन्दन की अगरबत्ती और घी का दीपक जलाएं।
- मिट्टी के कर्वे पर रोली से स्वस्तिक बनाएं।
- कर्वे में दूध, जल और गुलाब जल मिलाकर रखें और रात को छलनी के प्रयोग से चंद्र दर्शन करें और चन्द्रमा को अघ्र्य दें।
- इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार जरूर करें, इससे सौंदर्य बढ़ता है।
- इस दिन करवा चौथ की कथा कहनी या फिर सुननी चाहिए।
- कथा सुनने के बाद अपने घर के सभी बड़ों का चरण स्पर्श करना चाहिए।
पति की दीर्घायु की कामना कर पढ़ें यह मंत्र :-
'नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।'
करवे पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें। कथा सुनने के बाद करवे पर हाथ घुमाकर अपनी सासुजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें। 13 दाने गेहूं के और पानी का लोटा या टोंटीदार करवा अलग रख लें।
विशेष : चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अघ्र्य दें। इसके बाद पति से आशीर्वाद लें। उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें। पूजन के पश्चात आस-पड़ोस की महिलाओं को करवा चौथ की बधाई देकर पर्व को संपन्न करें।
Published on:
25 Sept 2018 11:26 am
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