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देश में होने वाली है अब तक की सबसे बड़ी हड़ताल, इंटेलीजेंस की रिपोर्ट से उड़ी नींद

हड़ताल से 10 दिन तक दाने-दाने को तरस जाएंगे लोग

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kisan andolan in india in news hindi

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होशंगाबाद। बहुत जल्द देश में सबसे बड़ी हड़ताल होने वाली है। हालात कुछ ऐसे बनेंगे कि लोग दूध-पानी के साथ दाने-दाने को तरस जाएंगे। इधर, इंटेलीजेंस की एक रिपोर्ट सरकार की नींद उड़ा दी है। जिसमें मध्यप्रदेश के कुछ जिलों को संवेदनशील बताया है। इस श्रेणी में नर्मदांचल संभाग के हरदा और होशंगाबाद जिले भी शामिल हैं। इस बार हड़ताल पर रहेंगे देशभर के किसान। जो 1 से 10 जून तक बड़ा आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल अपनी मांगों को लेकर देशभर के किसान 10 दिन अवकाश पर रहेंगे। इस दौरान गांव से कोई भी सामान का आयात-निर्यात नहीं किया जाएगा। ऐसे में शहरों में संकट होना स्वभाविक है।

अलर्ट जारी
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने किसान आंदोलन में एक से दस जून तक गांव बंद का ऐलान किया है। इसको लेकर इंटेलीजेंस ने नरसिंहपुर को संवेदनशील बताया है। इधर, हरदा और होशंगाबाद को लेकर भी अलर्ट जारी किया है। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ एक बार फिर बड़े आंदोलन की तैयारियों में जुट गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर महासंघ के कार्यकर्ता 1 से 10 जून तक शहरों से आयत निर्यात को पूरी तरह से बंद करने की योजना तैयार कर रहे हैं।

बड़े नेता शामिल
आंदोलन में राहुल गांधी , शरद यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, सांसद शत्रधन सिन्हा, हार्दिक पटेल , मेघा पाटकर, योगेंद्र यादव जैसे बड़े नेता भी शामिल हो सकते हैं।

धनिया पत्ती भी नहीं जाएगी बाहर
संघ के पदाधिकारी जितेंद्र भार्गव ने बताया कि इन दस दिनों तक गांव से एक डिगाल धनिया भी शहर में नहीं आ सकेगी। मतलब साफ है कि इस दौरान दूध,सब्जी, फल जैसी जरुरी वस्तुओं को शहर नहीं भेजा जाएगा। इसके लिए जिले के हर गांव के किसानों से संपर्क किया जा रहा है।

10 दिन का अवकाश
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के प्रदेश महामंत्री हेमराज पटेल ने बताया कि किसान सिर्फ दस दिन अवकाश पर रहेगा। भाजपा सरकार किसानों के अधिकारों को अनदेखा कर रही है। किसानों को उनकी लड़ाई लडऩा आता है और वो अपने अधिकार भी छीन कर ले सकती है।

यह हैं प्रमुख मांगें
- किसान की मासिक आय कम से कम 18 हजार रुपए प्रति माह हो।
- कर्ज माफ किया जाए।
- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू हों।
- दूध का न्यूनतम मूल्य कम से कम 65 रुपए किया जाए।
- सब्जियों का न्यूनतम मूल्य तय हो।
नाकेबंदी करेगा संघ
संघ जिले से भोपाल, जबलपुर और इंदौर जैसे शहरों की होने वाली दूध की सप्लाई को रोकने नाकेबंदी करेगा।

सोशल मीडिया का ले रहे सहारा
किसान अपने आंदोलन को सफल बनाने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा ले रहे हैं। इसके लिए पिछले दिनों किसानें ने अंग्रेजी में एक साथ एक समय पर विलेज शट डाउन और हिंदी में गांव बंद को एक साथ ट्विटर पर ट्वीट किया था। तो यह ट्रेंडिंग में दिनभर टॉप-10 में छाया रहा था।