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साल में एक बार दस दिन के लिए बसता है यह गांव, जानें क्या है रहस्य

गांव में लगेंगे वाटरप्रूफ टैंट

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nagdwar yatra 2018

साल में एक बार दस दिन के लिए बसता है यह गांव, जानें क्या है रहस्य

पिपरिया। ये है 10 दिन का गांव। सुनने में कुछ अजीब लगेगा। लेकिन यह बात बिलकुल सही है। दलअसल पचमढ़ी में नागद्बारी मेला के लिए यह गांव बसाया जाता हैं। जहां मेला पहुंचने वाले श्रद्बालु रुकते हैं और विश्राम करते हैं। इसके लिए बाकायदा सभी व्यवस्थाएं भी रहती हैं।

पचमढ़ी नागद्वारी मेला संचालन के लिए समिति की तैयारियां अंतिम दौर में है। बुधवार को महाराष्ट्र के 8 सेवा मण्डलों के चार सैकड़ा से अधिक सदस्यों ने नागद्वार में प्रवेश किया। आगामी ५ अगस्त से नागद्वार मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू होगा।
मेले के लिए व्यवस्थाओं और तैयारियों में प्रशासन लगा है। मेले के दौरान बारिश जमकर होती है पैदल श्रद्धालु जंगल, पहाड़ों का दुर्गम मार्ग तय कर नागद्वार तक पहुंचते हैं। मेले का कंट्रोल रूम काजरी गांव को बनाया गया है यहां से महज १ किमी दूर पहाड़ी पर नागद्वारी गुफा है। काजरी में हजारों की संख्या में श्रद्धालु परिवार सहित एकत्र होते हैं। बारिश से श्रद्धालुओं को सुरक्षित करने काजरी में सौ वाटर पू्रफ टेंट लगाने का काम शुरू हो गया है इनके स्ट्रक्चर बुधवार को खड़े हो गए हैं। एक दो दिन में श्रद्धालुओं के लिए टेंट कंपलीट हो जाएंगे।
एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी ने बताया कि मेले में सूखा कचरा और गीला कचरा इस बार लेवर नहीं उठाएंगे इसके लिए सोलेडवेस मैनेजमेंट कंपनी को प्रशासन ने ठेका दिया है। इंदौर की गौरांग कंपनी काजरी और पचमढ़ी में अपने प्लांट लगाकर कचरे से यहां खाद तैयार करेगी जिससे कचरा भी साफ होगा वहीं खाद भी तैयार होगी।

काजरी में बनेगा कंट्रोल रूम
नागद्वारी मेला जलगली से पैदल यात्रा के लिए शुरू होता है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु करीब १४ किमी की पैदल यात्रा पूर्ण कर नागद्वारी गुफा पहुंचते हैं। काजरी में प्रशासनिक दल का कंट्रोल रूम रहता है । यहां वन विभाग के वायरलैस सिस्टम से मेले की अपडेट पचमढ़ी तहसील स्थित कंट्रोल रूम को आदान-प्रदान होती है।

महाराष्ट्र मंडल देंगे सेवाएं
मेला के लिए सेवाभावी मंडलों के सदस्य बुधवार को पचमढ़ी पहुंच गए । करीब आठ मंडलों के चार सौ सदस्यों को सामग्री सहित प्रशासन ने मेला क्षेत्र में प्रवेश करा दिया है। मंडल सदस्य नागद्वार, काजरी, पश्चिम द्वार, चिंतामन, चित्रशाला, स्वर्गदार व अन्य दुर्गम स्थलों पर भोजन प्रसादी, पेयजल का प्रबंध करेंगे। इसे देखते हुए मंडलों को पांच दिन पहले मेला क्षेत्र में प्रवेश दिया जाता है।

डॉक्टरों की ड्यूटी लगी
नागद्वारी मेले में कलेक्टर प्रियंका दास ने चिकित्सकों, पैरा मेडीकल स्टाफ, एंबुलेंस वाहन चालकों ड्यूटी लगाई है। डीएचओ-2 डॉ. नलिनी गौंड को नोडल अधिकारीन बनाया है। मेला अवधि में किसी भी प्रकार का अवकाश मान्य नहीं होगा तथा अनुपस्थित रहने की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी।