7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पीएम मोदी से इस गांव को छिपाने अफसरों ने रची यह साजिश, जाने क्या है वो बात..

महात्मा गांधी की पत्नी से प्रभावित होकर इस गांव ने रच दिया है इतिहास

3 min read
Google source verification

बैतूल। यहां एक एेसा गांव है, जिसने इतिहास रच दिया है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस गांव की यह खासियत नहीं जान पाएं, इसके लिए अफसरों ने ही षड़यंत्र रच दिया। इसका खुलासा आरटीआई के तहत मिली जानकारी से हुआ। इस गांव को यह विशेषता हासिल करने के लिए प्रेरित करने के पीछे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की धर्मपत्नी कस्तूरबा गांधी है। जिले के अधिकारियों ने सरकारी लक्ष्यपूर्ति के लिए स्वप्रेरित गांव को नसबंदी अपनाने वाला बता कर गांव के आदर्श को कालिख पोतने का काम किया है। दुनिया में धनोरा एक मात्र ऐसा गांव है जो 1922 से लेकर आज तक परिवार नियोजन के अपने फैसले पर अटल है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पत्नी स्व. कस्तुरबा गांधी (बा) ने अखण्ड भारत के केन्द्र बिन्दू कहे जाने बैतूल जिले में बसे गांव धनोरा (कांग्रेस धनोरा) में कांग्रेस के प्रथम प्रांतीय सम्मेलन में आई थी। उन्होंने छोटा परिवार सुखी परिवार हम दो हमारे दो का नारा दिया था। जिस पर गांव आज भी अमल कर रहा है। मां ताप्ती मंच के रामकिशोर पंवार ने इस गांव को प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम में शामिल करने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। लेकिन अधिकारियों द्वारा गलत जानकारी देकर गांव को कार्यक्रम में शामिल नहीं होने दिया जा रहा है। इसका खुलासा आरटीई की जानकारी में हुआ है।

58 वर्षों मेंं आबादी बढ़ी सिर्फ 277
आठनेर ब्लॉक के गांव धनोरा के ग्रामीण आज तक छोटा परिवार सुखी परिवार के मूल मंत्र को अपनाते आ रहे हैं। स्वर्गीय कस्तुरबा गांधी के द्वारा प्रेरित इस गांव की जनसंख्या 1961 में 1410 थी, जो वर्तमान में 1757 के लगभग है। 58 वर्षोंं में गंाव की जनसंख्या 277 बढ़ी है। धनोरा गांव 1922 से लेकर 2018 तक दो हजार के आकड़े को छूना तो दूर 18 सौ के आकड़े तक नहीं पहुंच सका है। गांव के बारे में जो महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए है उनके अनुसार धनोरा गांव में ऐसे लोगों की संख्या 19 है जिनके एक भी बच्चा नहीं है। एक बच्चे वाले 30, दो बच्चे वाले 14, 3 बच्चे वाले 10 है। गांंव की जन्मदर 8.53 है। गांव में औसतन एक साल में बमुश्कील 15 बच्चे जन्म लेते है। गांव की आबादी वर्ष 2001 में इस गांव में पुरूषों की संख्या 839 और महिलाओं की संख्या 803 कुल जनसंख्या 1642 है। वर्ष 2011 में पुरूषों की संख्या भी 884, महिलाओं की संख्या 803 कुल जनसंख्या 1687 थी। वर्तमान में 950 पुरूष तथा 807 महिला कुल जनसंख्या 1757 है।

मूल निवासियों की नहीं है पांच संतान
सीएमएचओ ने कलेक्टर को जानकारी दी कि गांव में 2 से लेकर 5 बच्चों पर आपरेशन करवाने वाले हितग्राही है, इसलिए इस गांव का नाम पीएमओ के कार्यक्रम मन की बात में शामिल किया जाना तथ्यहीन है। लेकिन रामकिशोर पंवार द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जब सभी परिवार नियोजन अपनाने वाले दंपत्ति की जानकारी मांगी गई तो उसमें जो प्रमाण आए उसके अनुसार गांव में एक भी ऐसा परिवार नहीं मिला जिनकी पांच संतानें थी और जो गांव के मूल रहवासी है। सूचना के अधिकारी में निकाली गई जानकारी में पता चला कि अन्य जानकारी भी अधिकारियों द्वारा गलत दी गई है।

गांव को पहचान दिलाने राजनीति आ रही आढ़े
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की आठनेर जनपद की ग्राम पंचायत धनोरा के मूल ग्राम धनोरा ( जिसे कांग्रेस धनोरा के नाम से पुकारते है ) में कुल मकान 324 है और परिवारों की संख्या 371 है। इस गांव का नाम प्रधानमंत्री के कार्यक्रम मन की बात में शामिल करने के लिए समाजसेवी रामकिशोर पंवार ने पत्राचार पीएमओ से लेकर बैतूल कलेक्टर से बीते 2 वर्षोंं से लगातार किया है। लेकिन चूंकि गांव का नाम कांग्रेस धनोरा और गांव की प्रेरक के रूप में कस्तुरबा गांधी का नाम आने की वजह से मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार एवं उसका सरकारी तंत्र इस गांव का नाम पीएमओ तक न पहुंचे इस बात को लेकर भ्रामक जानकारी दे रहा है।