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मध्यप्रदेश का अनूठा पार्क- यहां रोगों से लडऩे मिलती है, संजीवनी

होशंगाबाद जिले के इटारसी में रेलवे का पार्क है संजीवनी, इस पार्क में लोगों को साफ सुथरा और स्वच्छ वातावरण मिलने के साथ ही विभिन्न प्रकार की औषधियों की जानकारी भी मिलती है,

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मध्यप्रदेश का अनूठा पार्क- यहां रोगों से लडऩे मिलती है, संजीवनी

मध्यप्रदेश का अनूठा पार्क- यहां रोगों से लडऩे मिलती है, संजीवनी

होशंगाबाद. मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में एक ऐसा अनूठा पार्क हैं, जहां विभिन्न रोगों से लडऩे की संजीवनी मिलती है, यहां जो औषधियां पाई जाती है, उससे विभिन्न प्रकार की चोट, बीमारियां और दर्द चुटकियों में गायब हो जाते हैं। बस उन्हें उपयोग का तरीका भी आपको आना चाहिए।


दरअसल, होशंगाबाद जिले के इटारसी में रेलवे का पार्क है संजीवनी, इस पार्क में लोगों को साफ सुथरा और स्वच्छ वातावरण मिलने के साथ ही विभिन्न प्रकार की औषधियों की जानकारी भी मिलती है, यह अनूठा पार्क रेलवे स्टेशन से दक्षित दिशा में एमसीओ कार्यालय के समीप है, जिसमें करीब 32 प्रकार के 400 से ज्यादा औषधीय पेड़ पौधे मौजूद हैं।


यह है खासीयत
रेलवे द्वारा इस पार्क को साल 2000-01 में तैयार किया गया था, यह करीब 2240 मीटर में फैला हुआ है, इसमें लॉन और आराम के लिए कुर्सियां भी लगी हुई हैं। चूंकि पार्क रेलवे स्टेशन से नजदीक है, इस कारण आबादी क्षेत्र से दूर होने के कारण यहां चहल पहल कम रहती है, लेकिन यहां के पौधों के गुणों की ख्याती काफी फैली है।

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बोर्ड कराते है औषधियों का परिचय


इस पार्क में हर पेड़ पौधों के समीप एक बोर्ड लगा हुआ है, जिसमें पेड़ और पौधों के नाम के साथ ही किस बीमारी में काम आते हैं, इस बात की भी जानकारी दी हुई है। जिससे बिना किसी दिक्कत के लोगों को इन पेड़ पौधों की औषधीय जानकारी प्राप्त हो जाती है। इसके साथ ही पूरे पार्क का एक नक्शा भी लगा हुआ है, जिसमें कौन से पेड़ या पौधे पार्क के किस हिस्से में हैं, इसकी जानकारी भी दर्शाइ है।

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यह हैं मुख्य पेड़ पौधे


यहां पाए जाने वाले पौधे में शतावर, श्वेतप्रदर, शुक्रदाबल्य रोग में काम आने वाले पौधे होने के साथ ही सर्पगंधा, लेडीपीपल, नागरमोथा, कालाधतूरा, सदाबहार, ग्वारपाठा, सफेद मूसली, रतनजोत, मरूआदोना, पिपरमेंट, मोरखमुंडी, बच आदि पौधे मौजूद हैं, यहां पाए जाने वाले पौधों से खांसी, बुखार, उल्टी, कुष्ठ रोग, कैंसर, श्वेतप्रदर, नारी रोग, चोट, सूजन, रक्त विकार, चर्मरोग, उच्च रक्तचाप, सर्पदंश, दमा, खांसी, जुकाम, पाचन, उदर रोग, कान दर्द, बदन दर्द आदि में उपयोग किया जा सकता है।