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कारगर नहीं हुई शहर को ‘टाउन आफ जीरो डस्टबिनÓ बनाने की मुहिम

बेकार साबित होती कचरा प्रसंस्करण यूनिट्स, नगर निकाय ने तीन से चार वार्डों के बीच एक यूनिट स्थापित करने की बनाई थी योजना

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हर घर को मिल रहा डस्टबिन, पर कचरा बटोरने लोगों के द्वार तक नहीं पहुंच रही गाड़ी

डस्टबिन

सोहागपुर। नगर निकाय द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के पहले शहरी क्षेत्र में क्लस्टर आधार पर कचरा संग्रहण व प्रसंस्करण यूनिट की स्थापना की गई थी। जिसका लक्ष्य था कि सोहागपुर को टाउन आफ जीरो डस्टबिन बनाया जाए। लेकिन यूनिट्स आज तक सकारात्मक परिणाम देती नजर नहीं आई है। यहां तक कि यूनिट्स के स्थान पर निकाय द्वारा ही गीले व सूखे कचरे के अलग-अलग संग्रहण के लिए अलग-अलग ट्रालियां नहीं रखी गई हैं।
नागरिकों ने बताया कि सर्वेक्षण कार्य जनवरी 2018 में प्रारंभ होना था, तथा इसके पूर्व निकाय द्वारा नगर में कुछ स्थानों पर तीन से चार वार्डों का एक क्लस्टर अर्थात समूह बनाकर उनमें यूनिट स्थापित की गई थीं। बकायदा यूनिट स्थापना स्थल पर बोर्ड भी लगाए गए। साथ ही गीले व सूखे कचरे को अलग-अलग रूप से संग्रहित करने के लिए दोनों के लिए संदेश लिखी व रंग आधार पर हैंड ट्राली भी रखी गईं। ताकि नागरिक ट्राली आधार पर इनमें घरों का गीला व सूखा कचरा अलग-अलग रखें। लेकिन सर्वे का समय बीतने के साथ ही ट्रालियां अब प्रतिदिन नहीं रखी जा रही हैं। तथा कई स्थानों पर एक ही प्रकार की ट्राली में गीला व सूखा कचरा फेंका जा रहा है।

हमारी मजबूरी
पत्रिका ने मामले में नागरिकों से सवाल किए कि क्या कचरे को पृथक आधार पर ट्राली में फेंककर जनता भी अपनी सहभागिता स्वच्छता के प्रति नहीं निभाना चाहती? तो नागरिकों ने जवाब दिया है कि पहले दोनों श्रेणी के कचरे के लिए अलग-अलग ट्राली रखी जाती थी तो अलग-अलग फेंकते थे। लेकिन अब एक ही ट्राली रखी जाती है तो दोनों श्रेणियों का कचरा एक ही ट्राली में फेंका जाता है। नागरिकों ने निकाय से मांग की है कि अलग-अलग ट्रालियां और वो भी बड़े आकार की रखी जाएं। ताकि यदि 50 फीसदी नागरिक ही स्वच्छता के प्रति सकारात्मक सोच अपनाते हुए ट्रालियां का उपयोग करते हैं तो भी इतने प्रतिशत तो सफलता हासिल होगी ही।
यह थी सोच
मामले में नगर परिषद से प्राप्त जानकारी अनुसार निकाय की सोच शहर को जीरो डस्टबिन बनाने की थी। जिसमें नागरिकों के घर से कचरा संग्रहण कर हैंड ट्रालियों से यूनिट्स के स्थान पर रखा जाता, तथा यहां से कचरा ढोने वाले मैजिक वाहन इसे ट्रेेंचिंग ग्राउंड तक ले जाते। कुछ दिनों तक सब ठीक रहा, लेकिन जनता के असहयोग के चलते योजना में पलीता लग रहा है तथा यहां-वहां फिर से कचरे के ढेर लगने लगे हैं। नप सीएमओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार पुन: जागरुकता के प्रयास प्रारंभ किए जाएंगे।
करेंगे प्रयास
पूरी परिषद संकल्पित है कि सोहागपुर को जीरो डस्टबिन टाउन बनाया जाए। इसमें समय लगेगा तथा जनता का सहयोग सर्वाधिक जरूरी है। जनता में जागरुकता आए तथा वे यूनिट का सही उपयोग व लक्ष्य समझें, इसके लिए नए सिरे से कड़े प्रयास किए जाएंगे।
जीएस राजपूत, सीएमओ, नगर परिषद सोहागपुर।