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कृषि उपज मंडी में तुलाई के रेट बढ़े, फसल बेचने आए किसान हुए परेशान

कृषि मंडी में तुलाई और हमाली के रेट बढ़ाने को लेकर हमालों ने चार घंटे बंद रखा काम

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strike in agriculture market

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इटारसी. कृषि उपज मंडी में सोमवार को हमालों ने तुलाई और हमाली के रेट बढ़ाने को लेकर काम बंद कर दिया। इससे किसानों को करीबन 04 घंटे अपनी उपज बेचने के लिए परेशान होना पड़ा। इसकी जानकारी लगते ही एसडीएम और भारसाधक अधिकारी एमएस रघुवंशी ने व्यापारी और हमालों की संयुक्त बैठक बुलाई। जिसके बाद तुलाई और हमाली के रेट बढ़ाने पर सहमति बनी। इस तरह दोपहर 3 बजे से हमालों ने तुलाई शुरू की, जोकि देर रात तक चलती रही। इस दौरान मंडी में लगभग 500 ट्रैक्टर ट्राली में खड़ी रही।
हमाल तुलावटी संघ के प्रतिनिधि नर्मदा प्रसाद यादव ने बताया कि हमाल कई दिन से कृषि उपज मंडी में अधिकारियों से तुलाई और हमाली के रेट बढ़ाने की मांग कर रहे थे। उन्हें थप्पी लगाने के 2.25 रुपए और वाहन भरने- खाली करने के 2.50 रुपए प्रति बोरी के हिसाब से मजदूरी मिल रही थी। चूंकि 2017 से ये मजदूरी के रेट चल रहे थे। कोरोना कॉल में काम नहीं मिलने से हमालों को परेशानी हुई। वही महंगाई भी इन पांच सालों में काफी बढ़ गई है। ऐसे में हमारी मांग जायज थी। मांग पूरी होने तक हमने तुलाई नहीं करने का निर्णय लेकर हड़ताल पर चले गए। उन्होंने कहा कि हमने ग्रेन मर्चेंट एसोसियेशन के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल और न्यू ग्रेन मर्चेट एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन शर्मा समेत मंडी प्रशासन को मांग पूरी नहीं होने तक हड़ताल पर रहने की पूर्व सूचना दे दी थी।

मंडी प्रशासन ने बुलाई दोनों पक्षों की बैठक
जैसे ही हमालों के हड़ताल पर जाने की सूचना मिली, वैसे ही मंडी प्रशासन ने व्यापारी प्रतिनिधि और हमालों की संयुक्त बैठक तत्काल बुलाई। इससे पहले मंडी सचिव ने मामले की जानकारी एसडीएम एमएस रघुवंशी को दी। बैठक में पहुंचे एसडीएम ने दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए रेट बढ़ाने पर सहमति बनाई।

25 हजार बोरी की आवक, दोपहर के बाद शुरू हुई खरीदी देर रात तक चली
कृषि उपज मंडी में लगातार किसानों को गेहंू खरीदी का अच्छा रेट मिल रहा है। इसके कारण इटारसी के अलावा बाबई, बांद्रभान से किसान उपज बेचने आ रहे हैं। मंडी सचिव राजेश मिश्रा ने बताया कि लगभग 25 हजार बोरी की आवक आज हुई होगी। हालांकि हमालों की हड़ताल से चार घंटे से फसल खरीदी नहीं हो पाई। अब जो खरीदी शुरू हुई हैं, वह देर रात तक चलेगी। क्योंकि कल रात और आज सुबह से 300-400 ट्रैक्टर ट्रालियों में गेहंू लेकर दूर- दूर से किसान आए है। हमने उनके लिए ठंडे पानी और मंडी कैंटिन में खाना और नाश्ते की व्यवस्था कर रखी है। किसी भी किसान को परेशानी नहीं होने देंगे। सभी की फसल की खरीदी की जा रही है।

नर्मदापुरम मंडी में कम रेट मिल रहे, इसलिए इटारसी आए किसान
इस बार बाबई, बांद्राभान से लेकर नर्मदापुरम के अनेक किसान इटारसी मंडी में फसल लेकर बेचने आए हैं। बांद्राभान के किसान नारायण ने कहा कि नर्मदापुरम मंडी में रेट बहुत कम है, जबकि इटारसी में हमें 2080 से 2150 रुपए के रेट पर उपज बिकी है। इसी तरह बाबई के तमचारू गांव के किसान रोहित, सौरव अपनी 7 से 8 ट्रालियां उपज लेकर बेचने आए हैं। दोनों कल रात्रि को आ गए थे। इन किसानों ने बताया कि सुबह हड़ताल का पता चला, लेकिन दोपहर बाद खरीदी शुरू हो गई। हमें लंबा इंतजार करना पड़ा, पर कीमत अच्छी मिलने से इंतजार का दर्द भूल गए। वही सुखतवा के किसान अमित ने भी कहा कि आज सुबह ही एक ट्रैक्टर उपज लेकर आया। हालांकि इसे बेचने के लिए पूरा दिन इंतजार करना पड़ा। हमालों की मांग भी जायज है। क्योंकि महंगाई में उनको बहुत कम कीमत मिल रही थी।