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अयोध्या में राम मंदिर का पुजारी हो सकता है कोई ‘दलित’, ट्रस्ट में हो सकते हैं 11 सदस्य

कोर्ट ने राम मंदिर बनाने का रास्ता पहले ही साफ कर दिया है ट्रस्ट के गठन को लेकर जल्द हो सकता है ऐलान

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A Dalit may be a priest of Ram mandir in Ayodhya

A Dalit may be a priest of Ram mandir in Ayodhya

नई दिल्ली: सालों से चला आ रहा राम मंदिर विवाद का मुद्दा पहले ही सुलझ चुका है। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) मंदिर बनाने की इजाजत पहले ही दे चुका है। वहीं गृहमंत्री अमित शाह भी अपने हाल में दिए भाषण में ये साफ कर चुके हैं कि 4 महीने में भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। लेकिन वो सवाल अब भी जस का तस बना हुआ है कि मंदिर का पुजारी कौन होगा? ऐसे में इस पर बताया जा रहा है कि राम मंदिर का पुजारी कोई दलित हो सकता है।

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इसके लिए संत रामानंद की परंपरा का हवाला दिया जा रहा है। इसमें संत कबीर और संत रविदास जैसे संत हुए थे। रामजन्मभूमि मंदिर के प्रस्तावित ट्रस्ट के गठन को लेकर सरकार के साथ विचार-विमर्श से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इसमें समाज का कोई भी उचित गुणवत्ता का व्यक्ति इसका पुजारी हो सकता है। संत रविदास खुद दलित थे, इसीलिए रामजन्मभूमि मंदिर में दलित पुजारी होने पर कोई पाबंदी नहीं हो सकती है। हालांकि, ये भी साफ किया गया है कि पुजारी का पद भी वंशानुगत नहीं होगा, बल्कि योग्यता के आधार पर ही नियुक्त किया जाएगा।

वहीं अभी ट्रस्ट के बारे में पूरी जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक मंदिर ट्रस्ट में 11 सदस्य हो सकते हैं। इसमें सरकारी प्रतिनिधि के रूप में अयोध्या के जिलाधिकारी या फैजाबाद के कमिश्नर के साथ ही एक केंद्र के अधिकारी को भी सदस्य के रूप में शामिल किया जा सकता है। वहीं अमित शाह ये पहले ही साफ कर चुके हैं कि भाजपा का कोई भी नेता ट्रस्ट में शामिल नहीं होगा। वहीं विहिप भी कह चुका है कि उसका कोई पदाधिकारी सीधे तौर पर ट्रस्ट का सदस्य नहीं होगा। वहीं बताया जा रहा है कि ट्रस्ट का ऐलान जल्द हो सकता है।