
आज ही के दिन पहली बार जारी हुआ था इमरजेंसी नंबर, जानिए क्यों बिना सिम कार्ड के भी लग जाती है ये कॉल
नई दिल्ली: आज देश में महिलाओं ( women ) की सुरक्षा हो या फिर कोई बड़ी घटना। इन सभी के लिए लगभग सभी देशों में इमरजेंसी नंबर रखे गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया का पहला इमरजेंसी नंबर ( emergency number ) किस जगह जारी किया गया था? साथ ही आपने कभी ये सोचा है कि आखिर ये नंबर बिना सिम कार्ड के लग कैसे जाता है? शायद इस तरफ आपका ध्यान कभी गया ही नहीं होगा, कोई बात नहीं आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे।
यहां जारी किया गया था पहला इमरजेंसी नंबर
आज के दौर में लगभग सभी देशों में कई चीजों को लेकर इमरजेंसी नंबर जारी किए जाते हैं या फिर पहले से हैं। लेकिन दुनिया का पहला इमरजेंसी नंबर आज ही के दिन यानि 30 जून 1937 को लंदन ( London ) में जारी किया गया था और ये नंबर था '999'। दरअसल, जब साल 1935 में में 5 महिलाओं की हत्या हुई थी तो उसके 2 साल बाद इस इमरजेंसी कॉल सिस्टम को शुरु किया गया था। सबसे खास बात ये रही थी कि इस सिस्टम के लॉन्च होने के एक सप्ताह के बाद यानि 7 जुलाई 1937 को इसी सिस्टम के द्वारा इस हत्या केस में पहली गिरफ्तारी की गई थी। इसके बाद विश्व भर में इमरजेंसी नंबर लॉन्च होने की शुरुआत हुई।
बिना सिम कार्ड ऐसे करता है ये काम
अगर हमें अपने फोन से अपने किसी दोस्त, रिश्तेदार या किसी अन्य से बात करनी है, तो मोबाइल फोन ( mobile phone ) में सिम कार्ड होना अनिवार्य है। लेकिन अगर आपको किसी इमरजेंसी नंबर पर कॉल करना होता है तो इसके लिए आपको सिम कार्ड ( sim card ) की भी जरूरत नहीं होती। दरअसल, बिना सिम कार्ड के इमरजेंसी नंबर्स पर कॉल लगना एक तकनीकी सुविधा है जिसे हर मोबाइल प्रोवाइडर देता है। वहीं आप दूसरे प्रकार के कॉल इसलिए नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें प्रोवाइडर द्वारा ब्लॉक किया जाता है। इसमें एक चीज ये भी है कि सिम कार्ड हमारे मोबाइल के नंबर्स और उपभोक्ता से जुड़ी जानकारी जुटाने का काम करता है, लेकिन बिना सिम कार्ड के इमरजेंसी नंबर इसलिए मिल जाता है क्योंकि उसे इस प्रकार की जानकारी जुटाने की जरूरत नहीं होती।
Published on:
29 Jun 2019 05:31 pm
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