
नई दिल्ली: भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ( Jawaharlal Nehru ) का 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में जन्मदिन मनाया जाता है। नेहरू बच्चों से काफी प्यार करते थे, इसलिए इस दिनों को बच्चों के लिए मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जवाहर लाल नेहरू के जीवन से जुड़े एक कड़वे सच के बारे में, जिसके बारे में काफी कुछ लिखा भी गया और कहा भी गया।
ये था वो कड़वा सच!
दरअसल, जिस कड़वे सच के बारे में हर जगह बताया गया वो था नेहरू और भारत के अंति वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन की पत्नी लेडी एडविना माउंटबेटन के रिश्ता को लेकर। इस रिश्ते को लेकर कई ऊंगलियां खड़ी हुई। अक्सर नेहरू और एडविना के इस रिश्ते को लेकर लोगों ने अमार्यादित बातें भी कही थी। वहीं इस रिश्ते को लेकर हो रही बातों पर उस वक्त विराम सा लग गया, जब लेडी माउंटबेटन की बेटी पामेला माउंटबेन ने अपनी किताब 'डॉटर्स ऑफ एम्पायर' में दोनों के रिश्ते को लेकर जिक्र किया था। साल 2012 में ये किताब आई और उन्होंने इसमें नेहरू और अपनी मां के रिश्ते के बारे में लिखा था।
क्या लिखा है किताब में
पामेला अपनी किताब में कहती है कि नेहरू और उनकी मां के बीच का रिश्ता आत्मा और भावनाओं का था। जो लोग इस शारीरिक आकर्षण कहते हैं वो पूरी तरह गलत हैं। वो आगे लिखती हैं कि इसलिए दोनों के बीच में कभी भी कोई सेक्सुअल रिलेशनशिप नहीं हुई जिसेक कारण ही मेरे पिता लॉर्ड माउंटबेटन ने मेरी मां और नेहरू के रिश्ते पर कभी कोई आपत्ति नहीं जताई। किताब के मुताबिक, पामेला की मां नेहरू के बौद्धिक स्तर से काफी प्रभावित थीं। वो उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई थीं। इसलिए वो उनसे हद से ज्यादा प्यार करती थीं। किताब के मुताबिक, दोनों एक-दूसरे के अकेलेपन को दूर करने में मदद करते थे।
Published on:
14 Nov 2019 12:11 pm
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