
Coronavirus
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( coronavirus ) ने पूरी दुनिया में भयकंर कोहराम मचाया हुआ है। इस खतरनाक वायरस ने लोगों को बुरी तरह डरा रखा है। ऐसे में वैज्ञानिकों ( Scientists ) की कोशिश है कि वो कोरोना से जुड़े हर एक पहलू पर से पर्दा हटा सके।
अब यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन ( University College of London ) के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में दावा किया है कि कोरोना वायरस में हो रहे बदलावों से उसकी ताकत नहीं बढ़ी है। वहीं तेजी से संक्रमण फैलाने और मानव शरीर को नुकसान पहुंचाने की क्षमता पर भी कोई खास असर नहीं पड़ा है।
कोरोना वायरस के 31 स्ट्रेन का अध्ययन करने के बाद वैज्ञानिकों कई अहम निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। जिसमें मुख्य तौर पर पता चला कि कुछ बदलाव तो आम हैं जो अक्सर वायरस ( Virus ) में होते रहते हैं। इनमें कुछ हानिकारक मिले लेकिन उनका असर इतना ज्यादा नहीं है।
कुछ बदलाव तो मरीजों के प्रतिरक्षा तंत्र ( Immune System ) की प्रतिक्रिया की वजह से भी हुए। इसके लिए यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने 75 देशों में 15 हजार से ज्यादा कोरोना पीड़ितों पर अध्ययन किया। उन्होंने सिर्फ 31 बदलावों पर ध्यान केंद्रित किया जो 10 से ज्यादा बार सामने आए थे।
शोधकर्ताओं ( Researchers ) में से एक डॉ. फ्रेंको डेराक्स का कहना है कि दरअसल हम ये जानना चाहते थे कि वायरस में हो रहे बदलाव कितने घातक साबित हो सकते हैं, क्या इनसे संक्रमण फैलने की दर बढ़ जाती है। हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
सिर्फ कुछ बदलाव ऐसे थे जो किसी अन्य वायरस को फैलने में मदद कर सकते थे। इससे केवल यही उम्मीद की जानी चाहिए कि धीरे-धीरे इसमें होने वाले बदलाव भी आम हो जाएंगे और तब मानव शरीर ( Human Body ) उन्हें भी स्वीकार कर लेगा। अन्य अध्ययनों के मुताबिक, कोरोना वायरस में अब तक 7000 से ज्यादा बदलाव आए हैं।
इनमें से करीब 300 काफी ज्यादा प्रभावी रहे हैं। वायरस में बदलाव के तीन तरीके हैं। पहला वह खुद में कुछ सुधार कर रहा हो, दूसरा अन्य किसी वायरस के संक्रमण में आया हो और तीसरा संक्रमित व्यक्ति के प्रतिरक्षा तंत्र की वजह से उसमें किसी तरह का उत्परिवर्तन हुआ हों।
Updated on:
27 May 2020 09:57 am
Published on:
27 May 2020 07:29 am
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