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अब ‘सपनों’ को कर सकेंगे हैक, वैज्ञानिकों ने तैयार किया अनोखा डिवाइस

-Dream Hacking: सवाल है कि क्या सपने हैक हो सकते है ? ( Can Dreams Be Hacked? ) एक शब्द में कहा जाए तो 'हां'!-सपने मन की एक विशेष अवस्था होती हैं। कोई खुली आंखों से सपना देखता है और कोई नींद में, जिसमें वास्तविकता का आभास होता है।-एमआईटी वैज्ञानिक ( MIT Scientists ) ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं, जिसके जरिए सपनों को हैक किया जा सकेगा और उनमें बदलाव भी किया जा सकेगा।

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Dream hacking: MIT Scientists Developed a device to Hack Your Dreams

Dream Hacking: सपने मन की एक विशेष अवस्था होती हैं। कोई खुली आंखों से सपना देखता है और कोई नींद में, जिसमें वास्तविकता का आभास होता है। लेकिन, सपनों पर किसी का बस नहीं चलता। कुछ सपनों को मेहनत के दम पर हकीकत में बदला जा सकता है। परंतु सवाल है कि क्या सपने हैक हो सकते है ? ( Can Dreams Be Hacked? ) एक शब्द में कहा जाए तो 'हां'! सुनकर भले ही यकीन ना हो लेकिन, अब वैज्ञानिकों ने ऐसा डिवाइस तैयार किया है जो सपने को हैक ( Dream Hacking Devices ) कर सकती है। डिवाइस के माध्यम से सपनों पर कंट्रोल किया जा सकता है।

एमआईटी वैज्ञानिक ( MIT Scientists ) ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं, जिसके जरिए सपनों को हैक किया जा सकेगा और उनमें बदलाव भी किया जा सकेगा। दरअसल, कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि नींद में आने वाले सपनों का जिंदगी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। लेकिन, 2017 में लॉन्च MIT की ड्रीम लैब ( MIT Dream LAB ) का ओपीनियन इससे अलग है। वैज्ञानिकों का कहना है कि नींद में देखें जाने वाले सपने असल जिंदगी में भी असर डालते है। इनमें परिवर्तन कर लोगों के कामों को आसान किया जा सकता है। ड्रीम लैब रिसर्चर एडम होरोविट्ज के अनुसार, 'लोग नहीं जानते कि उनकी जिंदगी के एक तिहाई वक्त में लोग अपने आप को और जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं।'

एडम का कहना है कि सपने देखें जाने के बाद अगले दिन के मूड और परफॉर्मेंस पर गौर करें तो इनका संबंध सपनों से होता है। स्टडी में पाया गया है कि सपनों का असर लोगों की जिंदगी पर पड़ता है। अब इस खास डिवाइस से सपनों में आवाज और खुशबू को भी शामिल किया जा सकता है। रिसर्च में कहा गया कि नींद से पहले जागने के बीच hypnagogia के दौरान सेंसर्स की मदद से सपनों में बदलाव किया जा सकता है। इनपुट्स डालने के बाद जागने पर बेहतर प्रतिक्रिया मिल सके। टेस्ट में भी इसका रिजल्ट पॉजिटिव आया है।

दस्ताने जैसा होगा डिवाइस
दरअसल, यह खास तरह का डिवाइस दस्ताने जैसा होगा। टेस्ट के दौरान इसकी मदद से सोने जा रहे एक सब्जेक्ट्स के दिमाग में 'टाइगर' वर्ड डाला गया। बाद में उसका क्रिएटिव परफॉर्मेंस पहले से बेहतर हुआ। साउंड ग्लव की तरह ही स्मेल इनसर्टिंग वियरेबल डिवाइस से सपनों में खुशबू डाली जा सकती है।