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बीते 30 सालों से इसी हालत में है Delhi का Minto Bridge, 1990 में भी दिखा था यही मंजर

Delhi Rains: दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस के पास स्थित मिंटो ब्रिज (minto bridge in delhi pics) अंडरपास में पानी भरने की समस्या दशकों पुरानी है। पहली तस्वीर 1990 की है और दूसरी 2018 की। इन दोनों साल की तस्वीरें बिल्कुल आज जैसी है।  

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Vivhav Shukla

Jul 19, 2020

minto bridge water logging

minto bridge water logging

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में रविवार को हुई भारी बारिश ( Delhi rains ) के कई जगहों पर जलभराव ( water logging ) हो गया। दिल्ली के दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस ( Connaught Place ) से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जाने वाली मिंटो रोड ( Minto Road ) रेलवे ब्रिज के अंडरपास में बारिश का पानी करीब 15 फीट तक जम गया। इसमें दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की बस का तीन चौथाई हिस्सा डूब गया। इसी जगह पर जलभराव ( water logging ) की वजह से एक 56 वर्षीय उत्तराखंड निवासी टेंपो ड्राइवर कुंदन की मौत तक हो गई। कुंदन की मौत के लिए दिल्ली की वो तमाम सरकारें जिम्मेदार है जो सत्ता में आई और चली गई लेकिन इस जलभराव की सम्यसा को वैसा वैसा छोड़ दिया।

30 सालों से है यही है हालात

मिंटो रोड ( Minto Road ) रेलवे ब्रिज की जो तस्वीरे सामने आ रही है ये ऐसी पहली तस्वीर नहीं है। इससे पहले भी कई बार ऐसी तस्वीरे सामने आ चुकी है। दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस के पास स्थित मिंटो ब्रिज अंडरपास में पानी भरने की समस्या दशकों पुरानी है। पहली तस्वीर 1990 की है और दूसरी 2018 की। इन दोनों साल की तस्वीरें बिल्कुल आज जैसी है। उस वक्त भी बस का लगभग तीन चौथाई हिस्सा पानी में डूब गया था।

1905 से 1910 के बीच बना था मिंटो ब्रिज

मिंटो ब्रिज का निर्माण की बात करें तो इसे साल 1905 से 1910 के बीच बनाया गया थी। ये ब्रिज कनॉट प्लेस को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को जोड़ने के लिए बनाया गया था। भारत में ब्रिटिश सरकार के गवर्नर जनरल और वायसराय लॉर्ड मिंटो में बना ये ब्रिज उन्हीं के नाम रखा गया था। फिहलाह इसका रखरखाव व रेलवे और उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) मिलकर करते हैं। दिल्ली में जब भी अच्छी बारीश होती है इस इसका यही हाल हो जाता है लेकिन सबसे ज्यादा हैरत की बात है कि इस ब्रिज के बारे में जानकारी देने वाला कोई साइन बोर्ड नहीं है।

कोरोना संकट का हवाला दे Cm ने झाड़ा पल्ला

मिंटो ब्रिज अंडरपास के हादसे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी ( Bhartiya Janata Party ) ने जलभराव के लिए केजरीवाल सरकार ( Aam Admi Party ) को जिम्मेदार ठहराया। वहीं दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल कोरोना संकट का हवाला दे पल्ला झाड़ने में जुटे हैं। सीएम ने मिंटो ब्रिज अंडरपास से पानी निकालने की सूचना देते हुए बताया कि ऐसी स्थिति क्यों बनी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'मिंटो ब्रिज से जलभराव निकाल दिया गया है। आज सुबह से ही मैं एजेंसियों के संपर्क में था और वहां से पानी हटाने की प्रक्रिया मॉनिटर कर रहा था। दिल्ली में ऐसे और भी स्थानों पर हम नजर रखे हुए हैं। जहाँ भी पानी इकट्ठा हुआ है उसे तुरंत पम्प किया जा रहा हैं।'

एक दूसरे पे लगा रहे आरोप

वहीं नार्थ दिल्ली के मेयर जय प्रकाश ने इसका जिम्मेदार दिल्ली सरकार को ठहराया। इसके साथ ही कहा कि ऐसे मौके पर मृतक के परिजनों की सहायता करनी चाहिए। दिल्ली के मेयर के बाद भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने भी दिल्ली सरकार को ही इन सबका जिम्मेदार ठहराया। मनोज तिवारी ( BJP MP Manoj Tiwari ) ने कहा कि केजरीवाल जी, मानसून की पहली बारिश ने ही आपकी तैयारियों की पोल खोल दी।