चिकन टिक्का मसाला पश्चिमी दुनिया में सबसे लोकप्रिय करी व्यंजनों में से एक है। कहते हैं कि इसकी शुरुआत ब्रिटेन से हुई थी। ब्रिटेन की पसंदीदा करी मानी जाने वाले चिकन टिक्का मसाला का आविष्कार करने वाले शेफ अली अहमद असलम का 77 वर्ष की आयु में ब्रिटेन में निधन हो गया है। इस रैसिपी की खोज ग्राहक को खुश करने की एक 'मजबूरी' में हुई थी।
चिकन टिक्का मसाला एक भारतीय व्यंजन है, भले ही यह ज्यादातर पश्चिमी दुनिया में लोकप्रिय है। व्यंजन पकाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री और तकनीक सभी भारतीय व्यंजनों से उत्पन्न हुई हैं। इस बहस को छोड़ भी दें तो इसे ब्रिटेन में लोकप्रिय करने का श्रेय शेफ अली अहमद असलम को जाता है। यहां तक कि 2009 में, ग्लासगो सेंट्रल के तत्कालीन लेबर सांसद मोहम्मद सरवर ने शहर को आधिकारिक तौर पर चिकन टिक्का मसाला के घर के रूप में मान्यता देने का आह्वान किया। उन्होंने ग्लासगो को करी के लिए यूरोपीय संघ द्वारा संरक्षित उत्पत्ति का दर्जा देने के लिए अभियान चलाया और हाउस ऑफ कॉमन्स में प्रस्ताव पेश किया। हालांकि, उनकी कोशिश कामयाब नहीं हुई।
'दिल से भारतीय' है यह व्यंजन
यह आमतौर पर पारंपरिक मसालों के साथ दही-मसालेदार चिकन के साथ बनाया जाता है, तंदूर ओवन में स्मोकी स्वाद पाने के लिए चार्ज किया जाता है और फिर मक्खन और क्रीम के साथ ताजा प्याज और टमाटर से बने एक सॉस में पकाया जाता है। स्वाद के मामले में यह एक सरल व्यंजन है, इसलिए इसके बीच सभी सामग्री से जायके का एक संतुलन होना चाहिए। हालांकि, ब्रिटेन में इसका इतिहास केवल 1960 के दशक के आसपास से शुरू हुआ है लेकिन इसकी उत्पत्ति का इतिहास बहुत लंबा है। कम से कम टिक्का वाला पार्ट। इसके अलावा तंदूर मिट्टी के ओवन का आविष्कार भारत में 5,000 साल पहले हुआ था। इसके बिना यह बन नहीं सकता। ऐसे में दुनिया भर में भारतीय रेस्तरां में परोसा जाने वाला यह व्यंजन 'दिल से भारतीय' है।
ऐसे बन गया चिकन टिक्का मसाला
2013 में ब्रिटिश टीवी कुकरी कार्यक्रम हेयरी बाइकर्स के एक एपिसोड में चिकन टिक्का मसाला के ईजाद होने की दिलचस्प कहानी सामने आई थी। शो में आसिफ अली ने बताया था कि उनके पिता पाकिस्तानी शेफ अली अहमद असलम, ग्लासगो में शीश महल रेस्तरां के मालिक थे। आसिफ ने बताया, 1971 की एक रात एक थका हुआ बस ड्राइवर अपनी शिफ्ट पूरी करके आया और उसने चिकन करी का ऑर्डर दिया। जब उसे चिकन करी परोसी गई तो उसने यह कहकर वेटर को वापस भेज दिया कि यह सूखी है। आसिफ ने बताया कि उस समय उनके पिता अल्सर से पीड़ित थे और कटोरी से टमाटर का सूप पी रहे थे। अपने मेहमान को खुश करने के लिए, उन्होंने सोचा, 'क्यों न कुछ मसालों के साथ करी में टमाटर का सूप डाला जाए?' बस, ड्राइवर को यह बहुत पसंद आया। वह और उसके दोस्त बार-बार वापस आए और हमने इसे मेनू में डाल दिया। इस तरह इसका 'आविष्कार' हो गया।