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जानें निर्भया केस वाली बस अब कहां है, दरिंदगी की ये बस चल चुकी थी इतने लाख किलोमीटर

16 दिसंबर की रात दिल्ली की सड़कों पर दौड़ी थी ये बस इसी बस के अंदर निर्भया के साथ हुई थी दरिंदगी

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where the bus with the Nirbhaya case

where the bus with the Nirbhaya case

नई दिल्ली: 16 दिसंबर 2012 की रात को दिल्ली की सड़कों पर एक डरावनी बस दौड़ रही थी। इसी दरिंदगी से भरी बस में 6 लोगों ने निर्भया ( Nirbhaya ) के साथ हैवानियत का गंदा खेल खेला और फिर निर्भया को तड़पड़ने के लिए सड़क पर फेंक दिया। हैवानियत की इस बस का नंबर है 'DL 1PC 0149'। ये बस नंबर जब भी लोगों को याद आता है, तो हर कोई सहम जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब वो बस कहां और किसी हालत में है? चलिए बताते हैं।

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नहीं दी गई बस वापस

दिल्ली की सड़कों पर ये बस ( bus ) दौड़ती रही और निर्भया के साथ हैवानियत होती रही। हालांकि, बाद में दिल्ली पुलिस ( Delhi police )ने बस को अपनी कस्टडी में ले लिया। लेकिन आज भी बस की हालत देखकर हर कोई डर जाता है। दरअसल, ये बस दिनेश यादव नाम के शख्स की है। 16 दिसंबर की रात को इस बस में हुई घटना के बाद दिनेश को ये बस वापस नहीं दी गई। बस के अंदर जाने पर ओडोमीटर नजर आता है, जिसमें ये बस 2,26,784 किलोमीटर चली हुई नजर आती है। ये बस घटना तक इतने किलोमीटर चल चुकी थी। बस के टायर भी एक दम फ्लैट हो चुके हैं। डैशबोर्ड और इंजन पर जंग लगी हुई है। डैशबोर्ड के पास सीट के नीचे आपको एक बेल्ट का बक्कल गिरा हुआ भी दिखाई देगा। निर्भया केस के बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों ने इस बस को तोड़ दिया था। लोगों का आक्रोश इस बस पर निकला था।

कुछ महीने पहले तक इस बस को साकेत कोर्ट परिसर में रखा गया था। वहीं बस के मालिक दिनेश ने बस को वापस लेने के लिए दिल्ली पुलिस के पास कई अर्जी लगाई, लेकिन आज तक उसको ये बस वापस नहीं दी गई। पुलिस ने बस इसलिए भी वापस नहीं कि क्योंकि मामला ताजा था और सड़क पर इस बस को देखकर हंगामा हो सकता था। वहीं 17 दिसंबर को जब देश में प्रदर्शन हुए तो लोगों ने इस बस को जलाने की मांग की, लेकिन अहम सबूत होने की वजह से पुलिस को इसे बचाना जरूरी था। इसलिए पुलिस ने बस को बड़े गोपनीय तरीके से त्यागराज स्टेडियम में और बसों के बीच पार्क कर दिया ताकी किसी को शक ना हो। इस बस की कोई तोड़फोड़ ना कर सके कोई उसे चुरा ना सके इसलिए पुलिस ने सादे कपड़ों में कुछ पुलिसवालों वहां तैनात कर दिए। 6 सालों तक ये बस साकेत कोर्ट परिसर में पार्क रही उसके बाद इसे वसंत विहार पुलिस स्टेशन में सुरक्षित रखा। बीते अप्रेल तक पुलिस ने इस बस की अच्छे से रखवाली की। लेकिन अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया कि पुलिस, पुलिस स्टेशन में पड़े सभी पुराने वाहनों को साफ कर दें और कैंपस साफ-सुथरा रखें। बीते अप्रैल में बस पूरे 6 साल बाद फिर चली और वही रास्ता अपनाया जो उस रात यानि 16 दिसंबर 2012 को लिया था। हालांकि इस बार यह बस क्रेन के जरिए इन रास्तों से गुजरी और चुपचाप पश्चिम दिल्ली में वहां पहुंची जहां आज भी वो पार्क है। यह एक डंप यार्ड में पार्क है।