
कोरोना काल में अद्भुत खोज, मिला धरती जैसा ग्रह, जहां जीवन होगा संभावना, पानी- हवा सब होगा मौजूद
नई दिल्ली. एक तरफ जहां पूरी दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस (Coronavirus ) से लाखों लोग मौत की आगोश में आ चुके हैं, वहीं दूसरी तरफ पृथ्वी (Earth) में इस कोरोना काल के बीच हर रोज नई- नई बातें सामने आ रही है। इसी क्रम में एस्ट्रोनॉमी (Astronomy) ने पृथ्वी के आकार के ग्रह (exoplanet) प्रोक्सिमा बी (Proxima b) के होने की बात कही है। यह ग्रह (Planet) सूर्य के सबसे नजदीकी तारे की परिक्रमा करता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रॉक्सिमा बी (Proxima b) पृथ्वी के द्रव्यमान का 1.17 गुना है और ये 11.2 दिनों में अपने तारे प्रॉक्सिमा सेंटॉरी (Proxima Centauri) की परिक्रमा कर लेता है।
सबसे निकटतम एक्सोप्लेनेट्स में से एक
प्रोक्सिमा सेंटॉरी, सूर्य से 4.2 प्रकाश वर्ष दूर है। इससे पहले, वैज्ञानिकों ने HARPS मापों का उपयोग करते हुए कहा था कि इसका द्रव्यमान 1.3 था। जिनेवा विश्वविद्यालय के खगोल विज्ञान विभाग के शोधकर्ता और शोध के लेखक क्रिस्टोफ़ लोविस ने कहा- 'प्रॉक्सिमा बी सभी ज्ञात एक्सोप्लैनेट्स में बेहद खास है। ये हमारे सबसे निकटतम एक्सोप्लेनेट्स में से एक है, आकार में स्थलीय है, और रहने योग्य क्षेत्र में है।'
स्पेक्ट्रोग्राफ से मिले सही नतीजे
2016 में HARPS द्वारा प्राप्त स्पष्ट पहचान के बावजूद, नए और शक्तिशाली ESPRESSO की पुष्टि की भी जरूरत थी जिससे अगर थोड़ा बहुत संदेह भी हो तो उसे दूर किया जा सके। एक्सप्रेसो चिली की ऑब्जर्वेटरी में एक नई पीढ़ी का स्पेक्ट्रोग्राफ है, जो HARPS की तुलना में तीन गुना ज्यादा सटीक नतीजे देता है। इस अध्ययन के नतीजे पिछले हफ्ते एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में प्रकाशित हुए थेय़
प्रॉक्सिमा बी तारे से 20 गुना करीब
पृथ्वी की सूर्य से दूरी की तुलना में प्रॉक्सिमा बी अपने तारे के 20 गुना करीब है। प्रॉक्सिमा सेंटॉरी एक कम-द्रव्यमान वाला लाल छोटा तारा है, जिसका अर्थ है कि भले ही ग्रह तारे के करीब है, लेकिन यह उसी तरह की ऊर्जा प्राप्त करता है जैसा पृथ्वी सूर्य से प्राप्त करती है।
पानी और जीवन की संभावना
प्रॉक्सिमा बी अपने तारे के रहने योग्य क्षेत्र के भीतर स्थित है, जिसका अर्थ है कि ग्रह की सतह पर पानी और जीवन की संभावना हो सकती है। हालांकि, प्रॉक्सिमा सेंटॉरी एक सक्रिय तारा है जो ग्रह पर एक्स-रे किरणें फेंकता है, ये पृथ्वी को सूर्य से मिलने वाली किरणों से 400 गुना ज्यादा है। इससे ग्रह पर पानी और जीवन की संभावना बढ़ जाती है। ESPRESSO का डेटा हमारे सौर मंडल में और भी ग्रहों के होने के संकेत देता है। हालांकि शोधकर्ता यह पता नहीं लगा सके कि इसका क्या कारण है।
Published on:
05 Jun 2020 12:10 pm
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