16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

3 साल पहले बेटे का किया था अंतिम संस्कार, Lockdown में लौटा घर, पिता ने जो हकीकत बताई उससे पुलिस भी हैरान

Highlights - ऐसे माहौल में लोग घर पर रहने पर ही मजबूर हो गए हैं -इस लॉकडाउन (Lockdown 3.0) के बीच एक दिल दहला देने वाली खबर आई है -जिसे जानकर हर कोई पूरा गांव हैरान व परेशान है, वहीं कहीं न कहीं परिवार वाले खुश भी है

2 min read
Google source verification
3 साल पहले बेटे का किया था अंतिम संस्कार, Lockdown में लौटा घर, पिता ने जो हकीकत बताई उससे पुलिस भी हैरान

3 साल पहले बेटे का किया था अंतिम संस्कार, Lockdown में लौटा घर, पिता ने जो हकीकत बताई उससे पुलिस भी हैरान


नई दिल्ली. कोरोना (Coronavirus Outbreak) के कहर से दुनियाभर में लोग सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन कर रहे हैं। जिसकी वजह सभी लोग अपने अपने दोस्तों और परिवार वालों से भी नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे माहौल में लोग घर पर रहने पर ही मजबूर हो गए हैं। इस लॉकडाउन (Lockdown 3.0) के बीच एक दिल दहला देने वाली खबर आई है। जिसे जानकर हर कोई पूरा गांव हैरान व परेशान है, वहीं कहीं न कहीं परिवार वाले खुश भी है। ये मामला है एेसे व्यक्ति का जिसका तीन साल पहले अंतिम संस्कार कर दिया गया था। वहीं शख्स लॉकडाउन के दौरान घर वापिस आ गया। यह नजारा देख पहले तो घर वाले चौंक गए फिर लिपटकर बेटे को गले लगा लिया।

जानिए, क्या है पूरा मामला

यह पूरा मामला है मध्य प्रदेश के छतरपुर का, जहां कोरोना महामारी के बीच में एक परिवार का 'मरा हुआ बेटा' जिंदा लौटा आया है। छतरपुर के बिजावर इलाके में तीन साल पहले बिजावर के मौनासइया जंगल में एक कंकाल मिला था जिसकी पहचान भगोला आदिवासी ने अपने बेटे के रूप में की थी। परिजनों ने कंकाल का अंतिम संस्कार भी अपने बेटे की तरह कर दिया था।

पुलिस हो गई हैरान

अब कोरोना संकट के चलते कई राज्यों से मजदूर घर वापसी कर रहे ऐसे में अचानक डिलारी गांव में एक युवक उदय आदिवासी अपने घर पहुंचा तो लोग हक्के-बक्के रह गए। जो पिता अपने बेटे को मरा समझकर अंतिम संस्कार कर चुका था वह अचानक सामने जिंदा खड़ा था। यह नजारा देख घर वाले हैरान रह गए। इस युवक को पुलिस के पास ले जाकर पिता ने जो हकीकत बताई, उससे अब पुलिस भी हैरान है। तीन साल पहले अपने परिवार से नाराज होकर उदय हरियाणा के गुरुग्राम चला गया और वहां एक फैक्ट्री में काम करता रहा। लॉकडाउन हुआ तो वह घर वापस आया।


इस मामले में बिजावर एसडीओपी सीताराम अवाश्या का कहना है कि जिस युवक को मरा हुआ समझा जा रहा था, वह वापिस जिंदा हो गया तो परिजनों ने जिस कंकाल का अंतिम संस्कार किया था, आखिर वह किसका था? अब पुलिस बंद कर चुकी फाइलों को फिर से खोलने जा रही है।