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ये मच्छरदानी ही बचाएगी मलेरिया से, छेद होने के बाद भी अंदर नहीं घुस सकेंगे मच्छर, जानें वजह

कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी देगी बेहतर सुरक्षा इसमें एक छेद या थोड़ा सा गैप हो तो भी मच्छर अंदर प्रवेश नहीं करेगा डब्ल्यूएचओ की एक पुस्तक में किया गया ये दावा

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this new type of bed net could help fight against malaria

ये मच्छरदानी ही बचाएगी मलेरिया से, छेद होने के बाद भी अंदर नहीं घुस सकेंगे मच्छर, जानें वजह

नई दिल्ली।मलेरिया ( malaria ) का प्रकोप फैलाने वाला एनोफिलीज मच्छर ( Marsh Mosquitoes ) रात में सक्रिय होता है, इसलिए मच्छरदानी लगाकर सोने की सलाह दी जाती है। कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी ( mosquito nets ) बेहतर सुरक्षा प्रदान करती है। यहां तक कि अगर बिस्तर और मच्छरदानी के बीच एक छेद या थोड़ा सा गैप हो तो भी मच्छर अंदर प्रवेश नहीं करेगा। यह दावा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) World Health Organization की एक पुस्तक का है।

मलेरिया उन्मूलन के बारे में हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "वर्ष 2030 तक देशभर में मलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने से पहले अभी एक लंबा रास्ता तय करना होगा। मलेरिया पूरी तरह से एक रोकी जाने वाली बीमारी है। यह उपचार योग्य भी है, बशर्ते इसका निदान और उपचार समय पर हो जाए।"

उन्होंने कहा कि मलेरिया के लक्षण गैर-विशिष्ट होते हैं और परिवर्तनशील हो सकते हैं। वायरल संक्रमण, टाइफाइड और मलेरिया के निदान के रूप में अन्य बीमारियों के लिए गलत भी हो सकता है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि मलेरिया की क्लीनिकल डायग्नोसिस नहीं की जा सकती। निदान की पुष्टि माइक्रोस्कोपी या रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी) द्वारा की जानी चाहिए।

डॉ. अग्रवाल ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ग्लोबल मलेरिया प्रोग्राम की टी3 पहल यानी मलेरिया-स्थानिक देशों को नैदानिक परीक्षण और रोगाणुरोधी उपचार के साथ सार्वभौमिक कवरेज प्राप्त करने और उनकी मलेरिया निगरानी प्रणालियों को मजबूत करने के प्रयासों का समर्थन करता है।

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी की 2018 की मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार, कई वर्षों तक लगातार गिरावट के बाद, मच्छर जनित बीमारी के वार्षिक मामले समाप्त हो गए हैं। मलेरिया एक वर्ष में 20 करोड़ से अधिक लोगों को संक्रमित करता है और 2017 में 435,000 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर अफ्रीका के थे। डॉ. अग्रवाल ने कहा, "टी3 का मतलब है टेस्ट, ट्रीट, ट्रेक। यानी पहले प्रत्येक संदिग्ध मलेरिया मामले का परीक्षण किया जाना चाहिए, हर पुष्ट मामले को एक गुणवत्ता-सुनिश्चित एंटीमलेरियल दवा के साथ इलाज किया जाना चाहिए और बीमारी को समय पर और सटीक निगरानी प्रणाली के माध्यम से ट्रैक किया जाना चाहिए।"

मलेरिया से बचने के कुछ सुझाव :

1-घर में एकत्रित ताजे पानी में मलेरिया के मच्छर पनपते हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि अपने घर और आसपास के क्षेत्रों में पानी को जमा न होने दें। मच्छर का चक्र पूरा होने में 7-12 दिन लगते हैं। इसलिए, अगर पानी को स्टोर करने वाले किसी भी बर्तन या कंटेनर को सप्ताह में एक बार अच्छी तरह से साफ किया जाता है, तो मच्छरों के प्रजनन की कोई संभावना नहीं रहती है।

2-मच्छर मनी प्लांट के गमले में या छत पर पानी की टंकियों में अंडे दे सकते हैं, अगर वे ठीक से कवर नहीं हैं। यदि छतों पर रखे गए पक्षियों के पानी के बर्तन को हर हफ्ते साफ नहीं किया जाता है, तो मच्छर उनमें अंडे दे सकते हैं।

3-रात में मच्छरदानी या रेपेलेंट का उपयोग करने से मलेरिया की रोकथाम नहीं हो सकती, क्योंकि ये मच्छर दिन के समय काटते हैं।

4-मलेरिया के मच्छर आवाज नहीं करते। इसलिए, जो मच्छर ध्वनि उत्पन्न करते हैं, वे बीमारियों का कारण नहीं बनते।

5-फुल स्लीव्स की शर्ट और ट्राउजर पहनने से मच्छरों के काटने से बचा जा सकता है। मच्छर से बचाने वाली क्रीम दिन के दौरान सहायक हो सकती है।