
Yashasvi Jaiswal
नई दिल्ली: पूरा देश आईपीएल-2020 ( ipl 2020 ) का पलकें बिछाए इंतजार कर रहा है। इसके लिए गुरुवार को नीलामी हुई, जिसमें कई खिलाड़ियों को खरीदा गया। वैसे तो इस नीलामी कई खिलाड़ी बिके, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में जो खिलाड़ी है वो है 'यशस्वी जायसवाल' ( yashasvi jaiswal )। भले ही अब यशस्वी को कोरड़ों रुपये में खरीदा गया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे उनका कितना संघर्ष और एक इमोशनल स्टोरी है। चलिए इसके बारे में आपको बताते हैं।
11 साल की उम्र में घर छोड़ा
यशस्वी को इंडियन प्रीमियर लीग-2020 में हुई नीलामी में राजस्थान रॉयल्स ( Rajasthan Royals ) ने 2 करोड़ 40 लाख रुपये में खरीदा। सबसे हैरान करनी बात जो रही वो ये कि बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के मालिकाना हक वाली फ्रैंचाइजी टीम ने उन्हें बेस प्राइस (20 लाख रुपए) से 12 गुनी कीमत में खरीदने में महज चंद मिनट लगाए। यशस्वी को बतौर ऑलराउंडर में टीम में शामिल किया गया है। भले ही आज यशस्वी की इतनी चर्चा हो रही हो, लेकिन एक वक्त ये भी था जब उन्होंने अपना संघर्ष अकेले ही किया। यशस्वी उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के रहने वाले हैं। जहां से वो महज 11 साल की उम्र में निकल आए थे और मुंबई पहुंचे थे। वहीं बाद में उन्हें मुस्लिम यूनाइटेड क्लब में दाखिला मिला और बाद में उनके रहने की व्यवस्था भी क्लब में की गई।
गोलगप्पे बेचकर बुझाई पेट की आग
उन्हें कभी-कभी भूखे पेट भी सोना पड़ता था। पिता के भेजे पैसों से खर्च चला पाना बेहद मुश्किल था। ऐसे में यशस्वी ने पानी पूरे ( गोलगप्पे ) बेचकर अपना पेट भरा। यशस्वी दुनिया की नजरों में उस वक्त आए जब उन्होंने इसी साल अक्टूबर 17 साल की उम्र में विजय हजारे टूर्नामेंट में झारखंड के खिलाफ मैच में इतिहास रचा था। यशस्वी ने न सिर्फ दोहरा शतक जड़ा था, बल्कि कई रिकॉर्ड भी अपने नाम किए थे। यशस्वी के बल्ले से 154 गेंदों पर 203 रन निकले थे, जिसमें 17 चौके और 12 छक्के शामिल हैं। विजय हजारे ट्रॉफी के इतिहास में किसी एक मैच में सबसे ज्यादा छक्के मारने का रिकॉर्ड भी यशस्वी के नाम दर्ज हो गया है।
Published on:
20 Dec 2019 03:14 pm
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