बायतु विधानसभा क्षेत्र पेयजल एवं रोजगार बड़े मुद्दे औद्योगिक विकास सपना राजस्थान पत्रिका परिचर्चा
राजस्थान के बायतु विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या पेयजल संकट की है। यहां लोग पानी के लिए परेशान है। क्षेत्र को पेयजल संकट से निजात नहीं मिल पाई है। पूरे विधानसभा क्षेत्र में सबसे बड़ा मुद्दा पेयजल ही है। यहां पोकरण-फलसूण्ड पेयजल योजना से पानी गांवों तक नहीं पहुंच पाया। पहले बायतु में रिफाइनरी प्रस्तावित थी जो पचपदरा चली गई। सरकार की ओर से इसका सर्वे भी कराया गया था, लेकिन स्थानीय नेताओं की ओर से जमीनों के अधिक मुआवजे की मांग के बाद कंपनी और सरकार दोनों को पीछे हटना पड़ा था। बाद में रिफाइनरी को पचपदरा में लगवा दिया गया। यहां रोजगार को लेकर भी संकट है। यहां औद्योगिक विकास अभी सपना ही नजर आ रहा है। जाट समाज के आराध्य देवता खेमा बाबा का प्रसिद्ध मंदिर एवं अरणेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर अणेश्वर धाम भी इसी क्षेत्र में आता है। बायतु विधानसभा सीट २००८ में हुए परिसीमन के दौरान अस्तित्व में आई। इससे पहले बाड़मेर विधानसभा का हिस्सा थी। राजस्थान पत्रिका परिचर्चा के दौरान बायतु विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने अपने क्षेत्र की बात रखी। राजस्थान पत्रिका हुब्बल्ली के संपादकीय प्रभारी अशोक सिंह राजपुरोहित ने परिचर्चा का संयोजन किया। प्रस्तुत हैं बायतु विधानसभा क्षेत्र के लोगों के विचार:
सुविधाओं को तरह रहा क्षेत्र
नोसर गांव के सवाई सिंह राठौड़ कहते हैं, बायतु विधानसभा क्षेत्र में कुछ विकास नहीं हुआ है। नया विधानसभा क्षेत्र बने डेढ़ दशक हो चुका हैं लेकिन विधानसभा क्षेत्र अभी सुविधाओं को तरस रहा है। चुनाव से पहले उम्मीदवार लोक-लुभावन वादे करते हैं लेकिन चुनाव के बाद भुला दिए जाते हैं। चारे-पानी के अभाव में मवेशी मर रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी है। बिजली की आंख-मिचौली आम है। बायतु इतना बड़ा कस्बा होते हुए भी बस स्टेशन पर मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है। कर्नाटक में जिस तरह से सरकारी बसों का जाल बिछा हुआ है, वैसा ही राजस्थान में किया जाना चाहिए। नोसर गांव में कोई सरकारी बैंक की सुविधा नहीं है। उचित मूल्य की दुकान पर अक्सर ताला लगा रहता है। सरकारी स्कूल में शिक्षकों की कमी है।
बायतु में हुए विकास के काम
बायतु के मुकेश बागचार जैन कहते हैं, जिला बाड़मेर ही रखा जाना चाहिए था। रिफाइनरी को पचपदरा ले जाने से जमीनों के भाव कम हो गए हैं। वैसे बायतु में पिछले कुछ समय से विकास के कई काम हुए हैं। बाईपास पर अस्पताल बना है। बस स्टेशन भी बनने वाला है। बायतु में सीसी सड़कें बनी हैं। नए माल्स भी आए हैं। सरकारी बसों की अच्छी सुविधा है।
टैंकरों से पानी मंगवाना मजबूरी
सेवनियाला गांव के हीरपुरी गोस्वामी कहते हैं, गांवों में पेयजल की किल्लत बनी हुई हैं। टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ता है। टैंकर मनमानी राशि वसूलते हैं। बिजली अक्सर गुल रहती है। नोसर के वक्तावरसिंह ने कहा, इलाके में विकास कम हुआ है। मूलभूत सुविधाओं की कमी है। रणजीतसिंह कहते हैं, इलाज के लिए लोगों को बाड़मेर, बालोतरा या जोधपुर जाना पड़ता है। स्वास्थ्य की सेवाओं में सुधार की जरूरत है।