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विश्नोई समाज ने 29 पौधे लगाकर दिया पर्यावरण का संदेश, दक्षिण भारतीय विश्नोई समाज की मेजबानी में किया पौधरोपण

पर्यावरण प्रेमी समाज के रूप में पहचान स्थापित कर चुके विश्नोई समाज ने कर्नाटक के हुब्बल्ली में 29 पौधे लगाकर पर्याव्ररण का संदेश दिया। दक्षिण भारतीय विश्नोई समाज हुब्बल्ली की मेजबानी में बुदरसिंघी स्थित विश्नोई धर्मशाला परिसर में पौधे लगाए गए।

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हुब्बल्ली के पास बुदरसिंघी स्थित विश्नोई धर्मशाला परिसर में पौधरोपण करते विश्नोई समाज के लोग।

हुब्बल्ली के पास बुदरसिंघी स्थित विश्नोई धर्मशाला परिसर में पौधरोपण करते विश्नोई समाज के लोग।

विश्नोई समाज के कई गणमान्य लोग रहे उपस्थित
दक्षिण भारतीय विश्नोई समाज हुब्बल्ली के अध्यक्ष बीरबल एम. विश्नोई की अध्यक्षता में आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम में भंवराराम सारण, रामलाल सारण, दीपेश साहू, मालाराम डारा, जगदीश सियाग, मुकेश सारण, श्रवण माचरा, दिनेश सारण, रामलाल बी. सारण, नरेश साहू, रमेश कावा, ओमप्रकाश डारा, जयंती साहू, चेतन पंवार समेत विश्नोई समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

29 अंक का विशेष महत्व
विश्नोई समाज में 29 अंक का बहुत महत्व है, क्योंकि यह उनके 29 नियमों का प्रतीक है। ये नियम गुरु जंभेश्वर द्वारा स्थापित किए गए थे और ये नियम पर्यावरण संरक्षण, जीव-जंतुओं की रक्षा, और सामाजिक सद्भाव पर जोर देते हैं। इसी के चलते यहां 29 पौधे लगाए गए। इन नियमों में हरे पेड़ों को न काटने, वन्यजीवों की रक्षा करने, और पानी को छानकर पीने जैसे नियम शामिल हैं, जो पर्यावरण संरक्षण में मदद करते हैं। विश्नोई समाज के लोग जानवरों के प्रति दयालुता रखते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाने से बचते हैं।

नियमों की करते हैं पालना
29 नियमों में सत्य और अहिंसा जैसे सिद्धांत भी शामिल हैं। विश्नोई समाज का उत्पत्ति दिवस भी 29 वें नियम के साथ जुड़ा हुआ है। विश्नोई समाज के लोग इन 29 नियमों का पालन करने का प्रयास करते हैं, जो उनके जीवन का अभिन्न अंग है। इन नियमों को गुरु जंभेश्वर ने अपने अनुयायियों के लिए बनाया था। विश्नोई समाज को पर्यावरण प्रेमी समाज के रूप में जाना जाता है, जो पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।