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महाजेंकों को लेकर अआयोजित बैठक में पहुंच गए २ सौ से अधिक लोग

व्यवस्था के अभाव में ंबैठक स्थगित कर १० जून को करने का लिया निर्णय

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रायगढ़। महाजेंकों को आवंटित कोल ब्लाक के प्रभावित क्षेत्र का सर्वे करने के लिए आयोजित बैठक में जहां करीब २० लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई थी वही गांव के करीब ३०० लोग पहुंच गए जिसके कारण बैठक स्थगित कराना पड़ा।
विदित हो कि महाजेंकों को आवंटित कोल ब्लाक गारे-पेलमा सेक्टर-२ के प्रभावित १४ गांव के लोग पूर्व से ही कोल ब्लाक का विरोध कर रहे हैं, इस विरोध के बाद भी प्रशासन सर्वे के काम को आगे बढ़ाने के लिए प्रयाससरत है। पिछले दिनों सभी प्रभावित ग्राम पंचायत सरपंच व सचिव को पत्र जारी कर मंगलवार को बैठक बुलाई गई थी। बैठक में कंपनी के अधिकारियों व प्रशासन के अलावा प्रभावित ग्राम के जनप्रतिनिधि व प्रतिििनधि मंडल के बीच चर्चा होना था, लेकिन इस बैठक के लिए प्रशाासनिक अधिकारियों ने करीब १५-२० लोगों के आने की उम्मीद जताते हुए इतने लोगों के ही बैठक की व्यवस्था की गई थी, लेकिन मंगलवार को प्रभावित ग्राम से करीब ३०० लोगों की भीड़ को देख प्रशासनिक अधिकारियों के होस उड़ गए और उन्होने आज होने वाली बैठक को स्थगित करने की घोषणा कर दी। बैठक आगामी १० जून को करने की घोषणा की गई है।
विरोध की तैयारी में पहुंचे थे ग्रामीण
उक्त सभी ग्रामीण व जनप्रतिनिधि कोल ब्लाक के विरोध की तैयारी कर पहुंचे थे। बताया जाता है कि हर बार ग्राम सभा की बैठक में कंपनी का विरोध किया जाता है उसके बाद भी प्रशासन कोल ब्लाक के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया को करने आतुर दिखाई दे रही है। जिसको लेकर लोगों के बीच प्रशासन के प्रति आक्रोस व्याप्त है।
अभी भी चल रहा निर्माण कार्य
मुआवजे के लालच में जहां प्रभावित क्षेत्र में प्रतिबंध के बाद भी खरीद-बिक्री का खेल चला है तो वहीं राजस्व विभाग की मिलीभगत से डायवर्सन भी किए गए हैं। अभी भी प्रभावित क्षेत्र में निर्माण कार्य करते हुए देखा जा सकता है। जो कि नियमों के विपरित है। इसमें एक बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं ने भी नियम कानून को दरकिनार कर निर्माण कार्य कराया है।