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महाजेंको को मिली फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लेकर सरपंचों ने जताया आपत्ति

ग्राम सभा की आपत्ति के बाद किस आधार पर मिला अनापत्ति

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महाजेंको को मिली फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लेकर सरपंचों ने जताया आपत्ति

ग्राम सभा की आपत्ति के बाद किस आधार पर मिला अनापत्ति

रायगढ़। महाराष्ट्र पॉवर जनरेशन को आवंटित कोल ब्लाक को लेकर ग्राम सभा ें आपत्ति होने के बाद भी मिली फॉरेस्ट क्लीयरेंस और पर्यावरण विभाग की अनापत्ति को लेकर सरपंचों ने सवाल उठाया है। साथ ही पुर्नवास एवं पुर्नव्यवस्थापन की बात सुनने से इंकार कर दिया है।
पिछले दिनों घरघोड़ा तहसील में महाराष्ट पॉवर जनरेशन को आवंटित कोल ब्लाक के पुर्नव्यवस्थापन और पुर्नवास व अन्य पर सुझाव के लिए प्रभावित क्षेत्र के सरपंच- सचिव की बैठक आहुत की गई थी। उक्त बैठक के बाद प्रभावित ग्राम के सभी सरपंचों ने एक स्वर में आपत्ति जताते हुए पुर्नवास व पुर्नव्यवस्थापन की बात सुनने से इंकार करते हुए एसडीएम के नाम लिखीत में दिया है जिसमें कोल ब्लाक के लिए पर्यावरण विभाग से मिले अनापत्ति को लेकर सवाल उठाया है। सरपंचों ने एसडीएम को दिए पत्र में स्पष्ट लिखा है कि उक्त क्षेत्र ५ वीं अनुसूची में शामिल है जिसके हिसाब से संविधान में ग्राम सभा को काफी अधिकार दिया गया है उक्त अधिकार के तहत प्रभावित क्षेत्र में कोई भी सरकार का उपक्रम, उद्योग स्थापति करने व दोहन करने के लिए ग्राम सभा की सहमति अनिवार्य की गई है जबकि ग्राम सभा में पंचायतों ने अपनी आत पूर्व में स्पष्ट करते हुए बताया है कि क्षेत्र के लोगों के जीवन के लिए एकमात्र साधन है किसी भी आधार पर ग्राम सभा ने खदान व उद्योग स्थापित नहीं करने के पक्ष में अपना कथन रखा है जिससे जल-जीवन व न सब सुरक्षित रहे और परंपरागत रूप से यहां निवास करने वाले व्यक्ति अपना जीवन निर्वाह करते रहें। उसके विपरित पर्यावरण विभाग ने किस आधार पर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया है इसकी पुष्टी करने की मांग की गई है।
दो बार हुआ है ग्राम सभा
इस कोल ब्लाक के लिए वर्ष २०१९ और २०२१ में दो बार ग्राम सभा का आयोजन किया गया है। जिसमें प्रभावित क्षेत्र के हर ग्राम पंचायत ने खदान व उद्योग न लगने पर सहमति दिया है। इसके बाद भी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।
लोगों में है आक्रोश
शासन द्वारा पेसा एक्ट लागू कर दिया गया है उक्त क्षेत्र भी ५ वीं अनुसूची में आने के कारण पेसा एक्ट लागू है लेकिन प्रशासन खुद ही इसका पालन कराने के बजाए उल्टे रास्ते चल रही है जिसको लेकर पंचायत प्रतिनधियों में आक्रोश व्याप्त है।