
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की 1 करोड़ 9 लाख की संपत्ति होगी राजसात
इंदौर. उज्जैन नगर के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने से जुड़े केस में कोर्ट ने एक करोड़ 9 लाख 43 हजार 60 रुपए की चल-अचल संपत्ति राजसात करने के आदेश दिए हैं। सहायक लिपिक के पद पर कार्य करते हुए आरोपी नरेंद्र देशमुख की 1 दिसंबर 2011 से 7 दिसंबर 2012 के बीच ज्ञात स्रोतों से 16 लाख 63 हजार 923 रुपए थी, लेकिन लोकायुक्त के दिसंबर 2011 में उज्जैन स्थित उसके ठिकानों पर छापेमारी में 1 करोड़ 59 लाख 13 हजार 962 रुपए की संपत्ति मिली थी। विशेष लोक अभियोजक महेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने बताया, आरोपी नरेंद्र देशमुख के अलावा उनके परिजनों के नाम पर भी अवैध संपत्ति खरीदी गई थी। आरोपी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस अभी विचाराधीन है, इसी बीच संपत्ति राजसात का आवेदन अलग से पेश किया गया था, जिस पर सुनवाई के बाद विशेष अपर सत्र न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने गुरुवार को यह आदेश दिए। कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है, भ्रष्टाचार समाज और प्रशासन को प्रभावित करता है। भ्रष्ट आचरण प्रभावित व्यक्ति के जीवन पर्यन्त और मौत के बाद भी उसके कृत्यों से परिलक्षित होता है।
भय्यू महाराज आत्महत्या मामला : शासन ने चारों अपीलों पर नहीं दिया जवाब
इंदौर. प्रदेश के चर्चित भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में तीन आरोपियों को 6-6 साल की सजा से जुड़े जिला कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। सजा पाने वाले तीन आरोपी विनायक, शरद और पलक पुराणिक ने अपील कर चुनौती दी है, जबकि महाराज की पत्नी आयुषी देशमुख ने आरोपियों की सजा बढ़ाने के लिए याचिका दायर की है। बुधवार को जस्टिस विवेक रूसिया की एकल पीठ में याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन शासन द्वारा जवाब पेश नहीं करने पर सुनवाई टाल दी गई। कोर्ट ने अगले सप्ताह सुनवाई के आदेश दिए हैं। शरद और पलक ने तो जमानत याचिकाएं भी दायर की हैं। आयुषी की याचिका में मुद्दा उठाया गया है कि तीनों आरोपियों की ब्लैक मेलिंग से परेशान होकर महाराज ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी, उन्हें 6 साल की सजा दी गई है, जो नाकाफी है। सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जानी चाहिए। जबकि विनायक, शरद और पलक का कहना है कि वे बेगुनाह हैं, उनकी सजा निरस्त की जानी चाहिेए।
Published on:
01 Apr 2022 03:56 pm
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