
इंदौर. शहर में सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा 5 अगस्त से त्रि-दिवसीय गुरु आराधना महोत्सव शुक्रवार से मनाया जाएगा। इस दौरान देश के कोने-कोने से 20 हजार से ज्यादा समाजजन इस आयोजन में हिस्सा लेने इंदौर पहुंचेंगे। मीडिया प्रभारी राहुल जैन स्पोर्ट्स ने बताया कि आचार्य विद्यासागर महाराज के 50वें पदारोहण के स्वर्णिम अवसर शुक्रवार से रविवार तक महोत्सव मनाया जाएगा। इसमें आर्यिका पूर्णमति माताजी के सान्निध्य में सभी आयोजन होंगे। पहले दिन शुक्रवार नित्याभिषेक, शांतिधारा के बाद सुबह 7.45 बजे से गुरु आचार्य के कृतित्व पर गुणानुवाद सभा होगी। दोपहर एक बजे आध्यात्मिक भजन संध्या आयोजित की जाएगी। शाम को भजन कार्यक्रम होंगे।
महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को नेमीकुमार कीबारात निकाली जाएगी। शहर में पहली बार इस तरह की बारात का आयोजन होने जा रहा है। इसमें मप्र सहित महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, उत्तरप्रदेश समेत अन्य राज्यों से समाजजन पहुंचकर हिस्सा लेंगे। शनिवार सुबह 7 बजे से आचार्य छत्तीसी विधान होगा जिसमें 108 मांडनों पर द्रव्य समर्पण होगा।
अपने-अपने भावों से बनती है किस्मत: पूर्णमति माताजी
जो जैसा भाव या विचार रखता है, उसके जीवन में उसे उसी अनुरूप प्राप्ति भी होती है। किस्मत अपने अपने भावों से बनती है। जहां राग का पोषण होता है, वहां सब अपने और जहां राग का पोषण नहीं होता वहां अपना कोई नहीं होता। जब तक आदमी, आदमी नहीं बन जाता तब तक संसार में काबिल नहीं है।
यह बात आर्यिका पूर्णमति माताजी ने दलालबाग में गुरुवार को मुकुट सप्तमी पर्व के अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए कही। आपने कहा कि हम पारसनाथ जी के क्षमा भाव के साथ संकल्पित हो जाएंगे तो मुकुट सप्तमी पर्व मनाना सार्थक हो जाएगा। जिस प्रकार पारसमणि के स्पर्श से लोहा स्वर्ण बन जाता है, उसी प्रकार पारसनाथ जी के जीवन से प्रेरणा लेकर हमारी आत्मा भी स्वर्ण बन जाएगी। बड़ी संख्या में उपस्थित समाजजनों के बीच पाश्र्वनाथ का पूजन कर प्रथम निर्वाण लाडू चढ़ाया गया।
Published on:
05 Aug 2022 06:52 pm
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