
महिला ही उठा सकती है समाज को शिक्षा और संस्कार देने का बीड़ा : डॉ. जैन
इंदौर. महिला होना सबसे बड़ा सम्मान है। महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। महिलाओं को सम्मान के साथ ही हमें पूरे समाज को संस्कार से जोडऩा होगा। जब हम अखबार उठाते हैं, तो किसी अबोध बालिका से दुव्र्यवहार की खबर दिल को चीर देती है। महिला पत्रकार होने के नाते यह आपकी जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाओं को रोकने की दिशा में आवाज बुलंद की जाए। समाज को शिक्षा और संस्कार देने का बीड़ा महिला ही उठा सकती है। यह बात देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. रेणु जैन ने कही। वे स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन द्वारा महिला दिवस के पूर्व आयोजित महिला पत्रकार सम्मान समारोह को संबोधित कर रही थी।
स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन की विभागाध्यक्ष डॉ. सोनाली नरगुंदे ने सभी का स्वागत किया। महिला दिवस के इस कार्यक्रम में कुलपति डॉ. जैन को अपनी मां की याद आ गई। उन्होंने अपनी मां कुसुम जैन द्वारा लिखित कविता भी सुनाई। डॉ. कामना लाड़ ने आभार माना। इस मौके पर डॉ. मीनू कुमार, डॉ. अनुराधा शर्मा, नीलमेघ चतुर्वेदी, शारदा त्रिवेदी, डॉ. मनीष काले, जितेंद्र जाखेटिया, सौरभ मेश्राम आदि उपस्थित थे।
इन्हें किया गया सम्मानित
नाज पटेल, मुक्ता भावसार, करिश्मा कोतवाल, प्रियंका पांडे, रुखसाना मिर्जा, नेहा जोशी मराठे, ऋतु सक्सेना, नासिरा मंसूरी, नीता सिसौदिया, दिव्या राजे भोसले, नेहा जैन, हेमा लोवंशी, लवीना फ्रांसिस, राधिका कोडवानी, शालिनी हार्डिया, मीना खान, कीर्ति सिंह, नसिरा खान, श्वेता का सम्मान किया गया।
Published on:
06 Mar 2021 05:33 pm
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