बैठक में ऊर्जा मंत्री ने पूछा कि हेल्पलाइन 1912 की स्थिति कैसी है तो जनप्रतिनिधियों ने कहा कि फोन ही नहीं लगता है, बड़ी परेशानी है। प्रियव्रत सिंह ने कहा कि हमारे ऊपर ज्यादा जवाबदारी है। 19 हजार मेगावत का उत्पादन है और खपत 15 हजार है, बिजली सरप्लस है। मेंटेनेंस नगर निगम को साथ लेकर करेंगे। इस साल ट्रिपिंग कम हुई, पर भाजपा ज्यादा हल्ला कर रही है। 2024 में भी बिजली की कमी नहीं होने देंगे। गांवों में हमने 10 हजार डीपी लगाई है। उपकरण खराब है तो उसकी जांच होगी। कार्यकर्ता को भी अपनी जिम्मेदारी समझना होगी। कोई अघोषित कटौती नहीं हो रही है, यह शब्द हटा दें। हमारे अधिकारियों ने अग्निकांड के बावजूद 4 घंटे में सप्लाय शुरू कर दी। कोई भी शिकायत सबूत के साथ करें। विनम्रता ओर जिम्मेदारी के साथ फोन भी अटेंड हो।
बैठक में जनप्रतिनिधियों के साथ मंत्री की चर्चा के कुछ अंश – सिगल फेस डीपी लगाई जाए, जिससे फाल्ट सहित समस्या खत्म हो जाएगी। नइ्र सडक़ बनाने के पहले ही तय कर लिया जाए क्योंकि काफी नुकसान होता है। – विशाल पटेल, विधायक
– पर्याप्त बिजली मिल रही है, लेकिन बदनाम किया जा रहा है। स्मार्ट मीटर को लेकर परेशानी है। – संजय शुक्ला, विधायक – बिजली की समस्या अब कम, अब दिक्कत का समय अक्टूबर से होगा। अस्थाई कनेक्शन में छूट मिलना चाहिए। बिजली का बिल आधा करने का सीएम का पत्र नहीं मिला है। कुछ लोग बिजली की समस्या को फैला रहे हैं। – लालसिंग तिवारी, कांग्रेस नेता
– जब से कांग्रेस की सरकार बनी भाजपा को पच नहीं रही। लोकसभा के बाद जानबूझकर बिजली का हाहाकार मचा रहे हैं। भाजपा ओर आरएसएस के कार्यकर्ता बिजली बंद कर रहे हैं। – अजय सिंह, कांग्रेस नेता
– अधिकारियों से मिलकर बात की। कटौती की घोषणा रिक्शा से क्षेत्र में हो। गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो। अधिकारी भी 15 साल में रम गए हैं। अब उन्हें बदलने की जरूरत है। सरकार की बदनामी नहीं सहेंगे। – राजेश चौकसे, कांग्रेस नेता
हम बिल भरना चाहते हैं पर बिल नहीं मिल रहा। भाजपा की मानसिकता के अधिकारी हटाए जाए। – विनय बाकलीवाल, कांग्रेस नेता भाजपा के ठेकेदार ही लाइट काट रहे हैं। अशोक शर्मा काम तो करते हैं लेकिन स्टाफ और संसाधनों की कमी है। – चंदू कुंजीर