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हर पुत्र करें पूर्णिमा से अमावस्या तक सोलह दिन पितरों का तर्पण

वर्षभर में पितरों की मृत्युतिथि को सर्वसुलभ जल, तिल, यव, कुश और पुष्प आदि से उनका श्राद्ध संपन्न करने और गो ग्रास देकर अपने सामथ्र्य अनुसार ब्राह्मणों को भोजन करावाने से ऋण उतर जाता है। हर पुत्र को भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक सोलह दिन पितरों का तर्पण और उनकी मृत्युतिथि का श्राद्ध अवश्य करें। ऐसा करके आप अपने परम आराध्य पितरों के श्राद्धकर्म द्वारा आध्यात्मिक, आधिदैविक व आधिभौतिक उन्नति को प्राप्त कर सकते हैं।

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इंदौर

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Lavin Owhal

Sep 17, 2022

हर पुत्र करें पूर्णिमा से अमावस्या तक सोलह दिन पितरों का तर्पण

हर पुत्र करें पूर्णिमा से अमावस्या तक सोलह दिन पितरों का तर्पण

इंदौर. होलकर कालीन कृष्णपुरा छत्री पर आयोजित 16 दिवसीय नि:शुल्क सर्वधर्म सामूहिक तर्पण महोत्सव में प्रतिदिन सैकड़ों साधक पहुंचकर ज्ञात, अज्ञात व अपने पितरों का तर्पण विद्वान पंडि़तों के सान्निध्य में कर रहे हैं। महोत्सव में विद्वान पंडितों के साथ-साथ शहर के गणमान्य नागरिक भी इस अनुष्ठान में शामिल होकर आरती में भाग ले रहे हैं। शनिवार को तर्पणाचार्य पं. मनोज भार्गव ने सभी साधकों को तर्पण का महत्व बताते हुए कहा कि वर्षभर में पितरों की मृत्युतिथि को सर्वसुलभ जल, तिल, यव, कुश और पुष्प आदि से उनका श्राद्ध संपन्न करने और गो ग्रास देकर अपने सामथ्र्य अनुसार ब्राह्मणों को भोजन करावाने से ऋण उतर जाता है। हर पुत्र को भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक सोलह दिन पितरों का तर्पण और उनकी मृत्युतिथि का श्राद्ध अवश्य करें। ऐसा करके आप अपने परम आराध्य पितरों के श्राद्धकर्म द्वारा आध्यात्मिक, आधिदैविक व आधिभौतिक उन्नति को प्राप्त कर सकते हैं। इंदौर सेवा ट्रस्ट के संरक्षक पं. योगेंद्र महंत, आयोजक अनंत महंत ने बताया कि 16 दिवसीय सर्वधर्म सामूहिक तर्पण महोत्सव में गिरनार गुजरात से आए संत आशुतोष गिरी, नागा बाबा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। शनिवार को आरती में अशोक चतुर्वेदी, हिंदी साहित्य समिति के हरेराम वाजपेयी, रामप्रकाश शर्मा, पंडि़त विजय बोरखा, पंडि़त राधेश्याम व्यास शामिल हुए। वहीं 200 साधकों ने ज्ञात-अज्ञात दिवंगतों के साथ ही पितरों का तर्पण किया। आयोजक अनंत महंत ने बताया कि तर्पण महोत्सव सुबह 7.30 से 10 बजे तक भगवान शिव का रूद्राभिषेक विद्वान पंडि़तों के सानिध्य में संपन्न कराया जा रहा है।