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आपके पास भी आया है चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर नोटिस,तो पड़े यह जरुरी खबर

आपके पास भी आया है चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर नोटिस,तो पड़े यह जरुरी खबर

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फेक लीगल नोटिस आने के बाद न डरे,न अनजान लिंक पर क्लिक करे

आपकी मेल आइडी से चाइल्ड पोर्नोग्राफी की एक्टिविटी की गयी है।साइबर यूनिट ने इस एक्टिविटी को दर्ज किया है। आप पर कानूनी कार्रवाई होगी,जिसमे पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया जा रहा है,आपके पास 24 घंटे का समय है,जिसमे आप ऑनलाइन लिंक से जुड़ कर अपना पक्ष रख सकते है,ऐसा एक लीगल नोटिस इन दिनों गृह मंत्रालय या साइबर क्राइम कंट्रोल सेंटर के नाम से मेल या व्हाट्स एप्प पर इन दिनों लोगो को भेजा जा रहा है। यह लीगल नोटिस असली न होकर नकली है।यह साइबर ठगों का ठगी का नया पैंतरा है।इसको लेकर इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर ने अलर्ट जारी किया है।ठग इस दौरान सम्पर्क कर मामला रफा दफा करने के नाम पर अवैध वसूली कर ठगी कर रहे है या फिर लिंक भेज कर बैंक खातों को चपत लगा रहे है।

सरकारी एजेंसियों की मुहर

दरअसल इन दिनों ईमेल में सीबीआई और गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर के नाम से नोटिस भेजा जा रहा है।लीगल नोटिस में लिखा है कि गृह मंत्रालय की सर्विलांस यूनिट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट को वायरल करते हुए ट्रेस किया है। ऐसे में 24 घंटे के भीतर संपर्क करने को कहा जाता है।इसके बाद सम्पर्क के लिए साइबर ठग एक लिंक भेजते है। इस लिंक पर क्लिक करने पर साइबर ठग बैंक खातों में चपत लगा देते है।इस फर्जी लेटर पर सीबीआई और अन्य इन्वेस्टिगेशन एजेंसियों की मुहर भी लगी है।वही गृह मंत्रालय , इंटेलीजेंस ब्यूरो सहित कई विभाग प्रमुखों के नाम भी लिखे है।

नोटिस के बाद न डरे,न किसी लिंक पर क्लिक करे

इस तरह के लीगल नोटिस भेज कर कई ठगी की शिकायत एक साथ 1930 पर दर्ज की गई गयी है।इसके बाद इन्डियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर ने एडवायजरी जारी कर दी है। इस एडवायजरी में कहा है कि यह लेटर पूरी तरह से फर्जी है। इस पर दर्ज सभी नाम और पद गलत है,किसी भी सरकारी विभाग से यह पत्र जारी नहीं किया गया है।यह एक मात्र फर्जी लेटर है और इसके जरिए साइबर ठग ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे है।इसलिए इस कथित लीगल नोटिस के आने के बाद डरने की जरूरत नहीं है। और न ही मेल या व्हाट्स एप्प पर भेजे गए लिंक पर क्लिक करने की जरूरत है।यदि किसी लिंक पर क्लिक करते है तो ठगी के शिकार हो सकते है। आपके बैंक खातों में राशि को ठग चपत लगा सकते है।

फर्जी मेल आइडी से आता फर्जी लीगल नोटिस

फर्जी लीगल नोटिस भेजने के लिए साइबर ठग cybercrime@fedpolice-admin,com नाम की फेक आईडी का इस्तेमाल करते है।इसमें सीबीआई,गृह मंत्रालय और भारत सरकार का लोगो होता है।जबकि सरकारी मेल आइडी में अक्सर अंत में gov होता है।इस तरह से फर्जी मेल आइडी और असली मेल आइडी के बारे में पता किया जा सकता है।

रफादफा करने के नाम पर वसूल रहे मोटी रकम

लीगल नोटिस में लिखा होता है कि आपने नाबालिग बच्चे की तस्वीर वायरल की है।जिसमे आपतिजनक कंटेंट थे,जो कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी की श्रेणी में आता है।इस कारण आप पर पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया जा रहा है।केस दर्ज करने से पहले आपको 24 घंटे का समय दिया जा रहा है।इसके अंदर आपको jबाब देना होगा,यदि आप जबाब देना चाहते है तो मेल पर ही रिप्लाई कर दे,जिसके बाद हमारे अधिकारी आपसे सम्पर्क करेंगे। या फिर एक ऑनलाइन जुड़ने के लिए लिंक भेजी जाएगी जिसके जरिए आप जबाब दे सकते है।इसके बाद ठग या तो लिंक के जरिए बैंक खातों से चपत लगाते है या फिर बातचीत के दौरान मामला रफादफा करने के नाम पर पैसे भी लेते है।चूंकि लीगल नोटिस में बड़े विभाग और अफसरों का उल्लेख होता है इसलिए मोटी रकम वसूली जाती है। मामला चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुडा होने के कारण कई लोग तो शिकायत भी नही करते है।

क्या होता है चाइल्ड पोर्नोग्राफी

बच्चों की अश्लील तस्वीरें या वीडियो जो उनके यौन शोषण या यौन गतिविधियों को दिखाते हैं।इन्हें चाइल्ड पोर्नोग्राफी की श्रेणी में रखा जाता है, यह पूरी तरह से अवैध है।इस पर रोक लगाने के लिए इस तरह के फोटो वीडियो शेयर करने पर कानूनी कार्रवाई की जाती है।बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया गया था।