
checking corona
इंदौर। शहर के जिन इलाकों से कोरोना के पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं अब वहां घर-घर सर्वे किया जाएगा। शुरुआत खजराना से की गई है। सभी घरों के लोगों को अलग-अलग जोन में बांट कर इनका इलाज किया जाएगा। लक्षण दिखने पर इलाज, न दिखने पर जागरूक और घरों के अंदर बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया जाएगा।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कल इस संबंध में टीमों को ट्रेनिंग दी। इन दलों में आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं को रखा गया है। प्रत्येक आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं को 200-200 घरों की जवाबदारी दी गई है। प्रत्येक तीन आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं पर एक एएनएम को सुपरवाइजर बनाया गया है। तीन सुपरवाइजर पर एक चिकित्सक की तैनाती की गई है। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि ये दल कोरोना वायरस के संबंध में की जा रही कार्रवाई की जानकारी देंगे तथा क्षेत्र रहवायिसों से सीधा संवाद बनाएंगे। ये दल संक्रमित क्षेत्रों में घर-घर जाकर सभी रहवासियों से जीवन्त संपर्क करेंगे। अगले 14 दिनों तक रहवासियों से इन दलों का नियमित संपर्क और संवाद रहेगा। दल के सदस्य अपने आवंटित घरों में कोरोना वायरस के प्रति जागरुकता लाने और बीमार व्यक्तियों की जानकारी प्राप्त करने का कार्य करेंगे। किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई देने या अन्य बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर दल के सदस्य सुपरवाइजर को जानकारी देंगे। सुपरवाइजर अपने चिकित्सक को जानकारी देंगे।
तकनीक का सहारा लेकर खोजेंगे मरीज
चिकित्सक संबंधित घर में पहुंचकर उनका इलाज करेंगे और आवश्यकता होने पर उनके सेम्पल घर पर ही लेने की व्यवस्था करेंगे। आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकर्ता अपने आवंटित घरों में आगामी 14 दिनों तक अभिभावक के रूप में कार्य करेंगी। सभी दलों के पास प्राथमिक उपचार के लिए दवाइयां भी रहेंगी। यह दल कोरोना वायरस संक्रमित क्षेत्रों में जाकर दवाइयां भी वितरित करेंगे। इससे कोरोना वायरस का बचाव भी होगा। संक्रमित क्षेत्रों में टीम के किए जा रहे सर्वे के डाटा को संकलित करने के लिए एक विशेष मोबाइल ऐप अरण्य बनाया गया है। इसमें टीम को आवंटित घरों और उनमें रहने वाले लोगों की जानकारी रहेगी।
Published on:
08 Apr 2020 10:21 am
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