
खुद का थाना छोड़ सिपाही दूसरे थाने पर कर रहा था गुंडो से सांठगांठ, इस तरह खुली पोल तो मिली सजा
इंदौर. तेजाजी नगर में पदस्थ सिपाही गुंडो को छुड़ाने के लिए बाणगंगा थाने पहुंच गया। दो बदमाशो को लेन देन कर छुड़वा दिया। अफसरों तक यह गड़बड़ी पहुंची तो उन्होंने सिपाही के साथ दो अन्य पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड कर दिया। मामले की जांच एएसपी को सौंपी गई है।
बाणगंगा थाने में पुलिस ने गुंडे फौजा के साथी अकरम खान को बलात्कार मामले में गिरफ्तार किया था। उस पर रावजी बाजार में एक दर्जन केस दर्ज है। उसकी जानकारी पर पुलिस ने गैंग के सदस्यों सलमान निवासी छत्रीपुरा, सेंडी निवासी आजाद नगर व दो अन्य को पकड़ा। इनके पास से भी पिस्टल मिली थी। सलमान व सेंडी को सिपाही विक्रम सिंह ने लेन देन कर छोड़ दिया। खासबात यह है कि अकरम की गिरफ्तारी के बाद विक्रम यहां पर सक्रिय था। पहले वह बाणगंगा थाने पर पदस्थ रह चुका है। फिलहाल वह तेजाजी नगर थाने पर है। उसकी लेन देन की शिकायत एसपी पूर्व मो. युसूफ कुरैशी तक पहुंची। उन्होंने जब मामले की जांच करवाई तो शिकायत सही मिली। बाणगंगा पुलिस ने सलमान व सेंडी को फिर से गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ में लेन देन की पुष्टि हुई। इसी के बाद विक्रम सिंह, बाणगंगा थाने के हैड कांस्टेबल शैलेंद्र चौहान, सिपाही वासुदेव को सस्पेंड कर लाइन भेजा गया। एसपी पूर्व मो. युसूफ कुरैशी ने बताया कि शिकायत सही पाए जाने पर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है। एएसपी शशिकांत कनकने को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहां गया। रिपोर्ट के बाद इन पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
विक्रम पहले भी रहा विवादो में
विक्रम पहले बाणगंगा थाने पर पदस्थ था। तब चोर गिरोह को छोडऩे को लेकर हुए लेन देन के बंटवारे को लेकर साथी सिपाही पर उसने सरकारी रिवाल्वर तान दी थी। गनीमत रही थी कि गोली नहीं चली। तब उसने रिवाल्वर की बट से सिपाही के सिर पर वार किया। घायल सिपाही की अरविंदो अस्पताल में एमएलसी भी बनी। विक्रम को सरकारी रिवाल्वर की पात्रता भी नहीं थी। थाने के अंदर हुई मारपीट के चलते उसे हटा दिया गया था। इस जांच में भी आपसी समझौते के चलते विभागीय कार्रवाई नहीं की गई। इसी के बाद वह तेजाजी नगर थाने पर पदस्थ हो गया। इसके बाद भी वह बाणगंगा थाने में दखल रखता रहा।
मिस्त्री से पैसा मांगने वाले सिपाही लाइन अटैच
एक अन्य मामला कनाडिय़ा थाने का है। यहां पदस्थ सिपाही विनोद व जीशान को एसपी पूर्व मो. युसूफ कुरैशी ने सोमवार को लाइन अटैच कर दिया। रंगपंचमी के दिन चेकिंग के दौरान दोनो सिपाहियों ने एक कारोबारी के फार्म हाउस पर काम करने जा रहे मिस्त्री को रोक लिया था। चेकिंग के नाम पर उससे रुपए की मांग की गई। रुपए नहीं देने पर उसके साथ मारपीट की गई थी। मामले की शिकायत अफसरों तक पहुंची। विनोद को रंगपंचमी के दिन ही थाने से हटाकर एसपी पूर्व के ऑफिस अटैच किया था। प्रारभिक रुप से मामला सही पाया जाने पर कार्रवाई की गई। एएसपी पूर्व राजेश रघुवंशी को मामले की जांच कर सात दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया।
Published on:
17 Mar 2020 06:30 am
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