मीडिया से चर्चा में बताया कि भय्यू महाराज की मौत के कारणों पर से पर्दा उठाने के लिए वह अब सरकार को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग करेगी। कुहू ने कहा कि पापा की मौत से मैं काफी सदमे में थी, उनकी मौत से दो वर्ष पहले ही मेरी मां भी मुझसे दूर चली गई थी। नानी,मामा-मामी मेरी तबियत को लेकर बहुत चिंता में रहते थे।
पिछले दो वर्षों में मेरी मानसिक हालत ऐसी नहीं थी कि मैं आश्रम के संचालन और कामकाज संभालने में मदद कर सकूं लेकिन मुझे अब मेरे पापा के कामों को आगे बढ़ाना है। उन सारे अभियान और कार्यक्रमों को फिर से शुरू कर आगे बढ़ाना है जो पापा चलाया करते थे। ट्रस्ट की गतिविधियों में शामिल होने के लिए में ट्रस्ट सदस्य और उनके नजदीकियों से लगातार बातचीत कर रही हूं। ट्रस्ट में सदस्य बनने के लिए मैंने आवेदन भी कर दिया है लेकिन फिलहाल ट्रस्ट में शामिल नहीं किया गया है।
मुझे किसी ने बुलाया नहीं, मैं खुद आई
कुहू ने कहा कि बीते दो साल में ट्रस्ट से सिर्फ इसलिए दूर रही क्योंकि मुझे यहां किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया। न ही मुझे बुलाया जाता था। पिछले साल आयुषीजी ने कार्यक्रम का संचालन किया था। इस बार भी मुझे यहां से किसी ने नहीं बुलाया है। मैं खुद अपनी तरफ से दत्त जयंती के कार्यक्रमों में शामिल हुई हूं।
पापा और मेरे रिश्ते पर लिखी किताब मेरी परछाई
कुहू बताती है कि पापा और मेरे बीच का रिश्ता काफी अलग था। मौत से एक सप्ताह पहले हम लोग मिले और साथ डिनर करने गए थे। तब उन्होंने मुझे उनकी किसी परेशानी के बारे में नहीं बताया और उनके व्यवहार से भी ऐसा नहीं लगा कि उन्हें कोई दिक्कत है। मैंने पापा से जुड़ी यादों को एक किताब का रूप दिया है। मेरी इस किताब ‘मेरी परछाई” का भी विमोचन दत्त जयंती पर किया गया।
अपने हुए दूर, इंदौर आकर होटल में रहती हूं
कुहू ने कहा पिता की मौत के बाद पिछले दो साल में मैं काफी अकेली हो चुकी हूं। पापा की तरफ के सारे रिश्तेदारों ने दूरियां बना ली हैं। सिर्फ छोटी बुआ कॉल करती हैं। स्थिति ऐसी हो चुकी है कि इंदौर आने पर मैं घर पर नहीं रुकती हूं। होटल में रुकना पड़ता है। वैसे जब मन करता है तो दादी से बात कर लेती हूं।
पापा आत्महत्या नहीं कर सकते
कुहू बताती है कि केस से जुड़ी जानकारी मुझ तक बहुत कम पहुंचाई गई। कई बार कोर्ट ने समन भेजा। इसके बारे में पापा की तरफ से एक भी रिश्तेदार ने मुझे नहीं बताया। कुछ गड़बड़ी होने का आभास होता है इसलिए उनकी मौत की गुत्थी जल्द सुलझनी चाहिए। मेरे पापा आत्महत्या नहीं कर सकते। अब सीबीआई से जांच करवाने की मांग कर रही हूं ताकि दोषियों को सजा मिल सके। फिलहाल सीबीआइ जांच करवाने के लिए विधिक राय भी ली जा रही है।