
इटली में स्वास्थ्यकर्मी भी संक्रमित हो रहे हैं।
इंदौर. इसे कहते हैं जज्बा... एमवाय अस्पताल के चेस्ट वार्ड में काम करने वाले मेल नर्स राजेश आसवारा इन दिनों अपने साथियों का हौसला बढ़ा रहे हैं। वे कोरोना को हरा चुके हैं। दोनों रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद अब वे फिर उसी वार्ड में काम करना चाहते हैं। दरअसल 7 अप्रैल को राजेश की दूसरी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी। उसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया।
राजेश ने बताया कि वह एमवाय अस्पताल के चेस्ट सेंटर में कार्यरत थे। इसके पूर्व वे स्वाइन फ्लू जैसी स्वास्थ्य आपदा के लिए दौरान भी कार्य कर चुके थे। अत: कोरोना पेशेंट के साथ कार्य करने को लेकर वे बिल्कुल भयभीत नहीं थे। वे बताते हैं कि 22 मार्च को उज्जैन से एक मरीज संदिग्ध के रूप में भर्ती हुआ। मैंने 23, 24 और 25 मार्च को उसी वार्ड में काम किया। इस मरीज की रिपोर्ट उसकी 25 मार्च को पॉजिटिव आई। 26 मार्च को मुझे मामूली बुखार आया, तब पैरासिटामोल ली और आराम किया। 27 मार्च को वे होम आइसोलेशन हो गए। गले में हल्की खराश होने पर उनका सैंपल लिया गया। 29 मार्च को उन्हें एमआरटीबी के आईसोलेशन सेंटर में भर्ती किया गया और बताया गया कि वे कोरोना पॉजिटिव हैं। परिवार से दूर राजेश ने हिम्मत नहीं हारी। साथियों ने साथ दिया। अब वे ठीक होकर अपने सभी नर्सिंग स्टाफ का हौसला बढ़ा रहे हैं और उन्हें हिम्मत दे रहे हैं। वहीं फिर उस वार्ड में डयूटी करना चाहते हैं, जहां से वे पॉजिटिव हुए थे।
Published on:
02 May 2020 09:46 am
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