
Maha Corona: महाराष्ट्र में 3648 लोग संक्रमित, मुंबई में 2268 मरीज, राज्य में 11 की मौत
लखन शर्मा, इंदौर. शहर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में इन दिनों प्रदेश में सबसे अधिक कोरोना सैंपल की जांच हो रही है। कॉलेज डीन के निर्देश पर इसे 24 घंटे चलाया जा रहा है। जहां अलग-अलग टीमें काम कर रही हैं। प्रदेश की बात करें तो एमजीएम मेडिकल कॉलेज में अब तक 3 हजार 921 सैंपल जांचें जा चुके हैं। दूसरे नंबर पर भोपाल एम्स है, जहां अब तक 3045 सैंपलों की जांच हुई। प्रदेश की आठ लैबों में यह सैंपल जांचें जा रहे हैं। गौरतलब है कि शुरुआत में भले ही इंदौर में कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं आए, लेकिन जैसे ही मरीजों के आने का सिलसिला शुरू हुआ, प्रदेश में इंदौर टॉप पर पहुंच गया।
स्थिति को भांपते हुए एमजीएम मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. ज्योति बिंदल ने संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी से चर्चा कर कॉलेज में मशीनें बढ़वाईं। इसके साथ ही अन्य लैब से जुड़े स्टाफ को भी काम में लगाया। इंदौर में सीमित साइंटिस्ट, सीमित संसाधन के बावजूद अगर किसी एक संस्थान की बात करें तो सबसे अधिक सैंपल एमजीएम मेडिकल कॉलेज में ही जांचें जा रहे हैं। खास बात है कि इंदौर-उज्जैन संभाग के लगभग 15 जिलों से सैंपल जांच के लिए आ रहे हैं।
16 अप्रैल तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक एमजीएम मेडिकल कॉलेज में 7 हजार 226 सैंपल जांच के लिए पहुंचे, जिनमें से 3921 की जांच हुई है। दूसरे नंबर पर भोपाल एम्स है। जहां अब तक 3 हजार 719 सैंपल जांच के लिए पहुंचे और 3 हजार 45 सैंपलों की जांच हो चुकी है। तीसरा नंबर भोपाल के ही गांधी मेडिकल कॉलेज का है, जहां अब तक 2 हजार 431 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इनमें से 2 हजार 82 सैंपलों की जांच हो चुकी है। चौथे नंबर पर भोपाल का ही बीएमएचआरसी है, जहां अब तक 3 हजार 554 सैंपल पहुंचे। इनमें से 1790 की जांच हो चुकी है। पांचवें नंबर पर आईसीएमआर जबलपुर है। यहां अब तक 1 हजार 426 सैंपल जांच के लिए पहुंचे जिनमें से 1 हजार 325 सैंपलों की जांच हुई है। छठे नंबर पर जीआरएमसी ग्वालियर है, जहां अब तक 1032 सैंपलों में से 693 की जांच हुई। सातवें नंबर पर आईसीएआर भोपाल है, जहां 318 सैंपलों में से 258 की जांच हुई। आठवें नंबर पर बीएमसी सागर है, जहां 148 सैंपलों में से 125 की जांच हुई। ऐसे में आठ संस्थाओं में एमजीएम मेडिकल कॉलेज में दिन रात डीन डॉ ज्योति बिंदल, अन्य डॉक्टर व साइंटिस्ट सैंपलों की जांच कर रहे हैं। डॉ. बिंदल देर रात तक स्वयं कॉलेज में रहकर सुबह से फिर सक्रिय हो जाती हैं। उनके कॉलेज में बने रहने से निचला स्टाफ भी शि²त से काम करने में लगा हुआ है।
और बढ़ाने का कर रहे प्रयास
डॉ. ज्योति बिंदल, डीन एमजीएम मेडिकल कॉलेज
Published on:
20 Apr 2020 10:03 am
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