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इंदौर

दुनिया का दुर्लभ पहाड़, जिससे आती है साज की आवाज

मध्यप्रदेश में ऐसा दुर्लभ पहाड़ है, जिसके पत्थरों को बजाने से साज जैसी आवाजें आती है। यहां आने वाले पर्यटक भी इस दुर्लभ पहाड़ की खासियत देखकर दंग रह जाते हैैं।

इंदौरOct 01, 2021 / 06:17 pm

Subodh Tripathi

दुनिया का दुर्लभ पहाड़, जिससे आती है साज की आवाज

दुनिया का दुर्लभ पहाड़, जिससे आती है साज की आवाज

इंदौर. मध्यप्रदेश में ऐसा दुर्लभ पहाड़ है, जिसके पत्थरों को बजाने से धातु और साज जैसी आवाजें आती है। यहां आने वाले पर्यटक भी इस दुर्लभ पहाड़ की खासियत देखकर दंग रह जाते हैैं। क्योंकि इस पहाड़ को अलग अलग चीजों से बजाने पर पत्थर नहीं बल्कि भिन्न भिन्न प्रकार की मधुर आवाजें आती है।
हम बात कर रहे हैं, मध्यप्रदेश के देवास जिले में स्थित देवझिरी में स्थित पोटला के जंगल से सटे कावडिय़ा पहाड़ की, इसे विश्व का दुर्लभ पहाड़ कहा जाता है।
ढाई हजार मीटर लंबा है पहाड़

इस पहाड़ की लंबाई करीब ढाई हजार मीटर है, जिसकी करीब सात चोटियां ५ किलोमीटर में फैली है, आश्चर्य की बात तो यह है कि यह पहाड़ ऐसा लगता है, जैसे किसी ने एक के ऊपर एक पत्थर रखकर तैयार किया हो, यहां के पत्थर छह और अष्ट कोणीय हैं, इन्हें देखने पर लगता है कि यह पत्थर किसी फैक्ट्री में तैयार किए गए हों, वहीं दूर से देखने पर इस पहाड़ की चट्टाने लोहे की छड़ जैसी नजर आती है।
विश्व का दुर्लभ पहाड़ यहां, जिससे आती है साज की आवाज
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प्राकृतिक रूप से तैयार है पहाड़

इस पहाड़ के बारे में वैसे तो कोई ठोस जानकारी किसी को नहीं है, लेकिन यह प्राकृतिक रूप से तैयार हुआ है, पुरातत्व विभाग के अधिकारियों व वैज्ञानिकों ने जांच की है, उन्होंने बताया कि यह एक भूगर्भीय घटना है और बेसाल्ट के पत्थर हैं, इतनी बड़ी संख्या में इनका यहां होना दुर्लभ है।
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नहीं उठते हैं किसी से पत्थर

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पत्थर किसी से उठते तक नहीं है, तमाम कोशिशें और तकनीक के बावजूद यह हिलते तक नहीं हैं। अंग्रेजों ने इस पहाड़ के पत्थर ले जाने के लिए यहां रेलवे लाइन डलवाई थी, लेकिन वे एक भी शिला नहीं उठा सके, अब भी कोई यहां के पत्थर नहीं ले जा पाता है।
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महाभारत काल के हैं पत्थर

कहते हैं यह पत्थर महाभारत काल के हैं, भीम ने इसे महल बनाने के लिए बनाया था, वहीं एक कहानी यह भी है कि भीम ने र्मदा नदी से शादी का प्रस्ताव रखा था, तब नर्मदा ने शर्त रखी थी कि यदि आपने मुर्गे के बांग देने से पहले मेरे प्रवाह को रोक लिया तो मैं विवाह करूंगी। भीम ने पहाड़ी का निर्माण तो शुरू कर दिया, पर मुर्गे की बांग से पहले काम पूरा नहीं हो सका, तब से ये पत्थर वैसे ही जमें हैं।

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