mppsc 2022-आयोग ने विभागों से बुलाए मांग-पत्र, अगले साल का परीक्षा कैलेंडर भी हो रहा तैयार
इंदौर। मप्र लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) ने राज्य सेवा परीक्षा 2022 को लेकर कवायद शुरू कर दी है। इस परीक्षा की घोषणा दिसंबर में की जाएगी। पीएससी ने सभी विभागों से मांग-पत्र बुलाए हैं। राज्य सेवा परीक्षा के साथ ही आगामी वर्ष की प्रस्तावित परीक्षाओं की तिथियां भी जारी की जाएंगी।
ओबीसी आरक्षण को लेकर बने असमंजस के बीच पीएससी की भर्तियों की प्रक्रिया लंबे समय तक रूकी रही थी। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार 2019 की प्रारंभिक परीक्षा के संशोधित रिजल्ट के साथ नतीजों की शुरुआत हुई। इसके बाद 2021 की प्रारंभिक के साथ नौ रिजल्ट जारी हुए हैं। बाकी नतीजों को जारी करने की तैयारी के बीच आगामी परीक्षाओं की कवायद भी शुरू हो गई है।
अगले साल होने वाली प्रमुख परीक्षाओं में 2019 और 2021 की मुख्य परीक्षा के साथ 2022 की प्रारंभिक परीक्षा है। प्रारंभिक परीक्षा के लिए पीएससी ने सभी विभागों से मांग-पत्र बुलाए हैं। मांग-पत्रों के आधार पर 2022 की परीक्षा की घोषणा की जाएगी। हालांकि, परीक्षा के बाद भी विभागों से अतिरिक्त पदों की मांग मिलने पर पदों की संख्या में इजाफा किया जा सकता है।
नहीं हो रहा कैलेंडर का पालन
सालभर में होने वाली परीक्षाओं के लिए पीएससी हर बार प्रस्तावित परीक्षा कैलेंडर जारी करता है। 2023 की परीक्षाओं का कैलेंडर भी तैयार किया जा रहा है। अब तक एक बार भी इस कैलेंडर के अनुसार परीक्षा नहीं नहीं हो सकी है। इस साल के लिए फरवरी में संशोधित कैलेंडर जारी किया गया था। इसमें परीक्षाएं दो भाग में बांटी गई थीं। पहले भाग में 2019 से लेकर 2021 की राज्य सेवा व राज्य वन सेवा की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा रखी गई जबकि दूसरे भाग में दंत शल्य चिकित्सा, राज्य अभियांत्रिकी, सहायक संचालक (सामाजिक न्याय), डीएसपी (रेडियो), होम्योपैथिक चिकित्सक अधिकारी, आयुर्वेद चिकित्सक अधिकारी सहायक जिला लोक अभियोजक अधिकारी सहित 14 परीक्षाएं थीं।
यह भी है खास
MPPSC की ओर से राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 (State Service Preliminary Exam 2021) के परिणामों के बारे में स्पष्टीकरण आया है। महिला आरक्षण के विषय में कहा गया कि सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया में भ्रामक जानकारी प्रसारित हो रही है। जिस पर स्पष्टीकरण आवश्यक है। महिलाओं एवं भूतपूर्व सैनिकों को प्रत्येक अनारक्षित आरक्षित और अन्य वर्गों में होरिजंटल आरक्षण का लाभ दिया जाता है, जबकि दिव्यांग और उनके दिव्यांगता के प्रकार के आधार पर उन्हें होरिजंटल आरक्षण का लाभ मिलता है। वर्टिकल वर्ग में महिला की ओर से विज्ञापित पदों पर न्यूनतम 20 गुना महिलाओं को लिया जाना अनिवार्य किया गया है।