राठी व अन्य पर एसबीआइ की करीब 72 करोड़ की देनदारी थी। अपर कलेक्टर कोर्ट ने 2014 में संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए थे। आदेश के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा, जहां भी फैसला बैंक के पक्ष में आया। गुरुवार को प्रशासन की टीम कार्रवाई के लिए पहुंची, लेकिन राठी ने लौटा दिया। इसके बाद प्रशासन टीम पुलिस बल के साथ शनिवार को कार्रवाई के लिए पहुंची।
बाहर हंगामा करते रहे राठी और उनके रिश्तेदार, अंदर चलता रहा पूजा-पाठ भारतीय स्टेट बैंक के 72 करोड़ रुपए अदा न करने पर शनिवार को प्रशासन की टीम पुलिस बल के साथ बैंक डिफाल्टर उद्योगपति सत्यनारायण राठी की कैलाश पार्क गीता भवन स्थित संपत्ति को कुर्क करने पहुंची। दल कार्रवाई करने लगा तो परिजन ने हंगामा किया। राठी के बेटे और रिश्तेदार पुलिस से विवाद कर रहे थे, वहीं घर के अंदर पूजा पाठ चल रहा था। राठी के परिजन ने जब पुलिस से बदसलूकी की तो पुलिस ने जबरदस्ती परिजन को खींचकर बाहर निकाला।
15 मिनट चले हंगामे में पुलिस को खूब खरी खोटी सुनाई। पुलिस ने एक-एक कर चार युवकों को कॉलर पकडक़र बाहर निकाला। वे हाल में रखे सोफे पर परिवार के साथ बैठे थे। काफी प्रयास के बाद भी वे उठने को तैयार नहीं थे। राठी को तो पुलिस घसीटते हुए वाहन में बैठाकर पलासिया थाने लेकर पहुंची। हंगामे के बीच प्रशासन को कार्रवाई पूरी करने में चार घंटे का समय लगा। इन लोगों को पलासिया थाने लाया गया। इसके बाद प्रशासन की टीम अपना काम कर सकी। टीआई पलासिया अजीत बैस ने बताया कि सत्यनारायण राठी, बेटे निकुंज राठी, रिश्तेदार सि²ार्थ राठी, दिव्य राठी, तरुण चुंग की बांड ओवर की कार्रवाई की। प्रशासन ने राठी के गीता भवन स्थित दफ्तर को सील किया।
गुरुवार को चार संपत्तियां कुर्क की थीं प्रशासन की टीम ने गुरुवार को भी राठी के पलासिया सहित अन्य स्थानों पर स्थित चार संपत्तियों की कुर्की की थी। उस दौरान टीम राठी के गीता भवन स्थिति निवास पर पहुंची थी, लेकिन परिजन घर से बाहर नहीं आएं। इस पर प्रशासन ने ३१ अगस्त तक घर खाली किए जाने का नोटिस चस्पा किया था।