रैंकिंग के लिए 40 फीसदी वेटेज 12वीं के अंकों का ही रहेगा, इसलिए सिर्फ मेन के रिजल्ट पर ही आईआईटी में पहुंचने की संभावना तलाशना सही नहीं होगा। इस वर्ष जेईई मेन के लिए सामान्य वर्ग का कटऑफ 105 से घटकर 100 रह गया। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 70, अनुसूचित जाति के लिए 48 व अनुसूचित जनजाति के लिए 48 तक पहुंचा है।
130 स्कोर करने वालों को भी उम्मीद
सामान्य श्रेणी में 250 तक स्कोर करने वालों को टॉप फाइव एनआईटी (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) में एडमिशन मिलने की उम्मीद है। 200 तक स्कोर करने वालों को बाकी एनआईटी में एडमिशन मिल सकेंगे। 130 से 200 तक स्कोर वाले नए एनआईटी व ट्रिपल आईटी में एडमिशन की उम्मीद रख सकते हैं। ब्रांच को लेकर समझौता करना पड़ सकता है।
प्रदेश में भी 180 कॉलेज
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए प्रदेश में भी 180 से ज्यादा कॉलेज हैं। करीब 60 कॉलेज अकेले इंदौर में ही चल रहे हैं। प्रदेश के छात्रों के लिए डीएवीवी का आईईटी व एसजीएसआईटीएस (श्री गोविंदराम सेकसरिया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस) प्राथमिकता पर रहता है। इनके अलावा भी टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन लिए जा सकते हैं।
आईआईटी के छात्रों की तुलना में मिले बेहतर पैकेज
आईईटी के प्रोफेसर अशेष तिवारी ने बताया कि कुछ वर्षों में सभी ब्रांच में अच्छे प्लेसमेंट हो रहे हैं। कुछ छात्रों को तो आईआईटी के छात्रों की तुलना में बेहतर पैकेज भी मिले हैं। एसजीएसआईटीएस के प्रो.एमपीएस चावला का कहना है कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई में प्रैक्टिकल महत्वपूर्ण होते हैं। जिन्हें आईआईटी या एनआईटी में मौका नहीं मिलता है, वे प्रैक्टिकल की सुविधा देखकर कॉलेज चुन सकते हैं। यानी ऐसे स्टूडेंट्स के पास भी बेहतर कॉलेज चुनने के लिए काफी विकल्प मौजूद हैं । कम अंक या रैंक वालों को निराश होने की जरूरत नहीं है ।