
मंत्री के भतीजे का चालान बनाने की ट्रैफिक सुबेदार ने ऐसी भुगती सजा, ट्रांसफर हुआ नामंजूर
इंदौर. मंत्री के भतीजे का चालान बनाकर सुर्खियों में आई ट्रैफिक सूबेदार सोनू वाजपेयी को छतरपुर ट्रांसफर के बाद रिलीव कर दिया गया। वाजपेयी ने ट्रांसफर रुकवाने का आवेदन दिया था, जिसे नामंजूर कर दिया गया।
एडीजी प्रशासन ने 27 जुलाई को ट्रैफिक पुलिस के तीन सूबेदारों के तबादला किया था, जिसमें इंदौर में पदस्थ सूबेदार सोनू वाजपेयी को छतरपुर भेजा था। सूबेदार वाजपेयी ने तबादला रुकवाने के लिए आवेदन में गुहार लगाई?कि पिता गंभीर बीमार हैं, जिनका इलाज चल रहा है। भाई सीआरपीएफ में पदस्थ होकर अतिसंवेदनशील श्रीनगर में देश की सेवा कर रहे हैं। माता-पिता की देखभाल के लिए?तबादला रोका जाए।? एसएसपी ने आदेश जारी कर सोनू को रिलीव करने के साथ हिदायत दी कि तुरंत छतरपुर में ज्वॉइन करें। एएसपी रणजीतसिंह देवके ने सोनू को रिलीव करने की पुष्टि की है।
ज्ञात रहे 14 अप्रैल को चेकिंग के दौरान राजीव गांधी चौराहा पर मोबाइल पर बात करते कार चला रहे पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा के भतीजे पार्षद अभय वर्मा को रोककर चालान बनाया था। आरोप था, अभय वर्मा व उनके समर्थकों ने सोनू का तबादला कराने की धमकी दी थी।
ब्राह्मण युवा संगठन ने किया विरोध
वाजपेयी को ईमानदारी की सजा मिली है। ब्राह्मण समाज मुख्यमंत्री कमलनाथ से मांग करता है कि इस विषय पर संज्ञान लेकर मानवीयता और बीमार पिता की स्थिति को देखते हुए वाजपेयी का ट्रांसफर रद्द करें। इसके लिए हजारों पोस्टकार्ड सर्व ब्राह्मण युवा संगठन की ओर से मुख्यमंत्री को भेजे जाएंगे।
Published on:
14 Aug 2019 12:34 pm
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