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कोरोना से जंग में एक और थाना प्रभारी शहीद

सुबह अरविंदो अस्पताल में हुई मौत10 दिनों से थे भर्ती

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मिली जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी पाल ने लंबे समय तक बेगमगंज में चल रहे सीएए एनआरसी के खिलाफ धरने प्रदर्शन मंे डयुटी दी थी। तभी से वे बीमार चल रहे थे। टीआई पॉल के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उनकी पत्नी और दोनों बेटियांे को उज्जैन की विक्रमादित्य होटल में क्वॉरेंटाइन किया गया था। लेकिन उनकी रिपोर्ट अब तक नहीं दी गई है। उधर थाना प्रभारी पाल की रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के बाद उन के संपर्क में रहने वाले 12 पुलिसकर्मियों को भी स्वास्थ्य परीक्षण के लिए माधवनगर अस्पताल भिजवाया गया था। पाल की बेगमबाग धरना स्थल पर काफी दिन तक ड्यूटी रही। एक महीने से उन्हें सर्दी व बुखार की हरारत बनी हुई थी। इसी के चलते वे किसी के संपर्क में आए और कोरोना संक्रमित हो गए थे। दरअसल लाकडाउन के कुछ समय पहले तक धरना जारी था, टीआई वहीं डयुटी पर रहते थे। पाल का परिवार इंदौर में ही रहता था जो उनसे मिलने उज्जैन गया था। इसलिए उन्हें भी कोरेंटाइन किया गया। वहीं थाने की एक महिला आरक्षक की भी कोरोना से मौत हुई थी। पुलिस अधिकारियों ने इसके बाद आरक्षक समेत उसके साथ ड्यूटी करने वाले सभी पुलिसकर्मियों को निजी होटल में आइसोलेट किया था। कल से पाल को अस्पताल में वेंटीलेटर पर भी रखा गया था, लेकिन उनकी बाॅडी रिकवर नहीं कर पाए। अरविंदो अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि वे आए तब से क्रिटिकल थे।


अरविंदो अस्पताल के चैयरमेन डाॅ. विनोद भंडारी ने बताया कि टीआई नीलगंगा उज्जैन यशवंत पाल का दुखद निधन आज सुबह 5 बजकर 10 मिनिट पर हुआ। उन्हें आज सीरियस कंडीशन में यहां लाया गया था। उस समय उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया था और उन्हें सांस लेने में काफी तकलीफ थी। उस समय उनका ऑक्सीजन का रेशों भी 60 था। निरंतर इलाज के बाद भी उनमें कोई इंप्रूवमेंट नहीं आया उन्हें 48 घंटे भी वेंटिलेटर पर रखा गया क्योंकि उन्हें एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रक्ट सिंड्रोम काफी सीवियर था। हर संभव प्रयास के बाद भी हम उन्हें बचा नहीं पाए।