
75 thousand buyers waiting for their dream house in NCR
नई दिल्ली।दिल्ली एनसीआर ( Delhi NCR ) में आम्रपाली ग्रुप ( Amrapali Group ), जेपी इंफ्राटेक ( JP infratech limited ) और यूनिटेक ( unitech ) के 75,000 से अधिक होमबॉयर्स अपने सपनों के घरों का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ( supeme court ) ने इन रियल्टी दिग्गजों द्वारा रुकी हुई परियोजनाओं से संबंधित मामलों को सीज किया है। हालांकि जेपी इंफ्राटेक हाउस खरीदारों को ई-वोटिंग समर्थित नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉपोर्रेशन ( NBCC ) की पेशकश के जरिए होमबॉयर्स और कर्जदाताओं सहित 97.36 फीसदी हिस्सेदारों के बहुमत के रूप में 2020 में राहत की सांस मिल सकती है। अब होमबॉयर्स की सुरक्षा का मार्ग प्रशस्त करने और रुकी हुई परियोजनाओं के पूरा होने की संभावना है। लीगल सर्किट में हालांकि आम्रपाली ग्रुप और यूनिटेक दोनों ही अलग-अलग स्तरों पर अटके हुए हैं।
यूनिटेक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में केंद्र से अपना प्रबंधन संभालने के लिए कदम उठाने को कहा था। वहीं आम्रपाली के मामले में अदालत ने एसबीआईसीएपी वेंचर्स को अधूरी पड़ी परियोजनाओं के वित्तपोषण पर जल्द से जल्द संज्ञान लेने का निर्देश दिया।एसबीआईआईसीएपी सरकार द्वारा प्रायोजित विशेष विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड-इनकम हाउसिंग (एसडब्ल्यूएएमआईएच) का फंड मैनेजर है। यूनिटेक के मामले में शीर्ष अदालत ने केंद्र से समूह और उसके प्रमोटरों द्वारा कथित वित्तीय धोखाधड़ी की जांच करने के लिए कहा है, जहां 50 फीसदी से अधिक होमबायर्स के पैसे डूबे हुए हैं। अदालत ने इस मामले में 17 जनवरी को कार्रवाई की रिपोर्ट दर्ज करने को कहा है।
जेपी इंफ्राटेक मामले में लगभग 13 बैंकों और 23,000 से अधिक होमबॉयर्स के पास लेनदारों की समिति (सीओसी) में वोटिंग अधिकार हैं। होमबॉयर्स के 13,000 करोड़ रुपये के दावे को स्वीकार किया गया है। बैंकों का दावा लगभग 9,800 करोड़ रुपये का है। शीर्ष अदालत के निर्देश पर शुरू की गई बोली में 58 फीसदी होमबॉयर्स और आठ फीसदी बैंकरों के साथ कुल 66 फीसदी वोट बोली की मंजूरी के लिए जरूरी थे।
Updated on:
01 Jan 2020 11:46 am
Published on:
01 Jan 2020 11:45 am
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