
income loss
नई दिल्ली : कोरोनावायरस ( coronavirus )की वजह से आर्थिक नुकसान ( economic loss ) के दावे नीं किये जा रहे हैं बल्कि लोग इसके असर को अब अपनी जिंदगी में महसूस कर रहे हैं। लोगों ने अनुभव किया है कि कोरोना की वजह से जिंदगी की रप्तार के साथ-साथ उनकी आय भी घटी है। कंज्यूमर सेंटीमेंट सर्वे में भाग लेने वाले 80 फीसदी लोगों ने आय में कमी ( income loss ) की बात स्वीकार की है । जब कि 90 फीसदी का मानना है कि इससे भी बुरा वक्त अभी आना है । ग्लोबल इंश्योरेंस ( global insurance ) और एसेट मैनेजमेंट कंपनी जेनेराली द्वारा किये गए इस सर्वे में ज्यादातर कामकाजी लोगों ने माना कि कोरोना के दैरान उनकी आधी रह गयी है।
22 देशों के कंज्यूमर पर हुए इस सर्वे के बारे में जेनेराली ने कहा, ''सर्वे के निष्कर्षों से कुल मिलाकर यह पता लगता है कि लोगों में घबराहट है. वे जिंदगी की अनिश्चितता को लेकर डरे हुए हैं।'' सर्वे में शामिल होने वाले कई लोगों को इस बात का भी डर है कि भविष्य में वो अपने परिवार की सुरक्षा कैसे कर पाएंगे।
वहीं भारत में इस सर्वे में भाग लेने वाले एक बड़े वर्ग ( 93 फीसदी ) को उम्मीद है कि इस नुकसान की भरपाई के लिए कुछ न कुछ राहत मिलेगी । वहीं 54 फीसदी को उम्मीद है कि सरकार उनकी मदद के लिए आगे आएगी तो 60 फीसदी स्थितियां बिगड़ने पर बचत और निवेश का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं। साथ ही साथ 39 फीसदी भारतीयों को इस कठिन घड़ी में परिवार से मदद की दरकार है।
भारतीयों के संदर्भ में एक और बात सामने आई है कि यहां गांवो से ज्यादा शहर के लोगों में कोरोना का खौफ है। शहरी परिवारों को कोरोना के मानसिक,शारीरिक और आर्थिक तीनों ही हालातों पर असर की चिंता है।
Published on:
11 Jun 2020 08:13 pm
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