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अमेजन और फ्लिपकार्ट पर कुछ बैंकों के साथ साठ-गांठ के आरोप, आरबीआई से शिकायत

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने विभिन्न बैंकों पर एक अपवित्र सांठगांठ पर लगाया आरोप कैट ने कहा, बैंक और ईकॉमर्स व्यापारियों और उपभोक्ताओं के मौलिक अधिकारों का कर रहे हैं उल्लंघन

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Amazon and Flipkart accuse some banks of sacking, complaint to RBI

Amazon and Flipkart accuse some banks of sacking, complaint to RBI

नई दिल्ली। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने देश के विभिन्न बैंकों पर एक अपवित्र सांठगांठ करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अमेजन और फ्लिपकार्ट के साथ मिलकर बैंक व्यापारियों और उपभोक्ताओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं और भारत के संविधान की प्रस्तावना और सरकार की एफडीआई नीति का भी खुला उल्लंघन कर रहे हैं। कैट ने देश के ई कॉमर्स व्यापार में अनुचित व्यापारिक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए बैंकों और आमेजॉन-फ्लिपकार्ट के बीच एक कार्टेल बनाने का भी आरोप लगाया है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, हम अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के बैंक एवं आमेजॉन-फ्लिपकार्ट के कार्टेल की जांच एवं कार्यवाही के लिए भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग को एक अलग शिकायत दर्ज कराएंगे। इस तरह की सांठगांठ भारत में छोटे व्यवसायों के लिए मौत की घंटी साबित हो रही है।

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कैट ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास को एक ज्ञापन भी भेजा है जिसमें कहा गया है कि, अनेक बैंक आमेजॉन एवं फ्लिपकार्ट के ई कॉमर्स पोर्टल से किसी भी उत्पाद की खरीद पर समय-समय पर 10 फीसदी छूट अथवा नकद वापिस देते हैं। मुख्य रूप से एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, सिटी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एचएसबीसी, बैंक ऑफ बड़ौदा, आरबीएल बैंक, एक्सिस बैंक आदि इस मामले में अग्रणी बैंक हैं।

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खंडेलवाल ने आगे कहा, ये बैंक अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से इन पोर्टलों से खरीदे गए सामान के पेमेंट भुगतान पर केवल ई-कॉमर्स से सामान खरीदने पर ये नकद छूट प्रदान कर रहे हैं लेकिन अगर वही सामान किसी दुकान से खरीदा जाता है और इन्ही बैंकों के कार्ड से पेमेंट की जाती है तब यह छूट ग्राहकों को किसी भी बैंक द्वारा प्रदान नहीं की जाती है।

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कैट ने मांग की है कि रिजर्व बैंक इस मामले का तत्काल संज्ञान लें और बैंकों को तत्काल प्रभाव से कैश बैक ऑफर बंद करने का आदेश दे तथा बैंकिंग मानदंडों और बैंकों की संदिग्ध भूमिका के लिए बैंकों के खिलाफ कानून के तहत निर्धारित कार्यवाही शुरू करने के निर्देश जारी करें।