17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नोटबंदी से कालेधन का सृजन नहीं रुका: एसोचैम

उद्योग संगठन एसोचैम का कहना है कि भले ही नोटबंदी की वजह से नकदी में रखा कालाधन तात्कालिक रूप से खत्म हो गया है, लेकिन इससे न तो सोने और रिएल एस्टेट के रूप में संजोये हुए कालेधन को ज्यादा नुकसान हुआ और न ही भविष्य में इसके सृजन पर रोक लगी है।

less than 1 minute read
Google source verification

image

umanath singh

Jan 17, 2017

demonetisation

demonetisation

नई दिल्ली. उद्योग संगठन एसोचैम का कहना है कि भले ही नोटबंदी की वजह से नकदी में रखा कालाधन तात्कालिक रूप से खत्म हो गया है, लेकिन इससे न तो सोने और रिएल एस्टेट के रूप में संजोये हुए कालेधन को ज्यादा नुकसान हुआ और न ही भविष्य में इसके सृजन पर रोक लगी है।

एसोचैम ने नोटबंदी पर किये गये अपने अध्ययन में कहा है कि उच्च मूल्य वालेे बड़े नोटों को प्रचलन से बाहर कर देने से नकदी के रूप में जमा कालेधन का मौजूदा भंडार बहुत हद तक खत्म हो गया, लेकिन इससे भविष्य में इसके सृजन पर रोक नहीं लगी। कालेधन का सृजन रोकने के लिए आगे भी कदम उठाने की जरूरत है, जैसे संपत्ति के हस्तांतरण में स्टाम्प शुल्क में कमी करना, रिएल एस्टेट का इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण आदि।

नोटबंदी के साथ कुछ समस्यायें भी सामने आई हैं। वैध धन में से कालेधन को अलग करना बहुत मुश्किल काम है, क्योंकि इसकी कोई अलग पहचान नहीं होती है। अगर वैध धन से कुछ खरीदा जाये और दुकानदार बिक्री शुल्क अदा न करता हो तो वही वैध धन कालेधन का रूप ले लेता है। उपभोग वाली अधिकतर वस्तुएं वैसे धन से खरीदी जाती हैं, जिनका कोई लेखाजोखा नहीं होता है और जब यह धन बिक्री करने वाले के हाथ में जाता है, तो पूरी तरह वैध हो जाता है। कमोडिटी मार्केट तथा रिएल एस्टेट में होने वाली बेनामी लेनदेन की पहचान करना मुश्किल कर देती है। ऐसी डील से बिक्री करने वाले और खरीदार की पहचान मुश्किल हो जाती है।